इसलिए इसमें किसी तरह का कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. अपने आवास में रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर वीसी ने कहा कि जिन महाविद्यालयों में बीएड कोर्स चलाये जा रहे हैं, वहां अब 17 शिक्षकों की सेवा ली जानी है. पहले केवल सात शिक्षकों से ही पठन-पाठन कराया जाता था. इन बीएड महाविद्यालयों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय के विस्तार तथा उसमें 6 कर्मियों की नियुक्ति करना भी अनिवार्य हो गया है.
ऐसे में एनसीटीई की इन शर्तों को लागू करने में महाविद्यालयों की लागत में चार गुणा वृद्धि होना तय है. वीसी ने कहा कि हमें केवल खर्च को पूरा करने के लिए फीस में ढ़ाई गुणा वृद्धि करना पड़ रहा है. वीसी ने कहा कि हम फी में बढ़ोतरी नहीं करते, अगर या तो उच्च शिक्षा निदेशालय या फिर तकनीकी शिक्षा विभाग इस मद में आवश्यक अनुदान हमें क्षतिपूर्ति के लिए उपलब्ध करा देता. उन्होंने कहा कि एसकेएम विश्वविद्यालय ने दो बार उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर सभी विश्वविद्यालयों में एकसमान फी तस करने की याचना कर चुकी है. पर यह अभी सरकार के स्तर पर विचाराधीन है.