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जिला बनाने की घोषणा से जगी आस
मधुपुर: जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले मधुपुर को जिला बनाने की मांग पिछले 15 सालों से हो रही है. संघर्ष समिति का कहना है कि मधुपुर जिला बनने की सभी अर्हता को पूरा करता है. इसके काफी पहले जिला बन जाना चाहिए था. लेकिन राजनीतिक उपेक्षा का शिकार रहा मधुपुर. जिला बनने से […]
मधुपुर: जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले मधुपुर को जिला बनाने की मांग पिछले 15 सालों से हो रही है. संघर्ष समिति का कहना है कि मधुपुर जिला बनने की सभी अर्हता को पूरा करता है. इसके काफी पहले जिला बन जाना चाहिए था. लेकिन राजनीतिक उपेक्षा का शिकार रहा मधुपुर. जिला बनने से विकास के नये आयाम खुलेंगे.
जिला बनाने के लिए संघर्ष समिति द्वारा समय-समय पर दीवार लेखन, बैठक, सभा समेत प्रदेश के मंत्री व मुख्यमंत्री को स्मार पत्र व मांग पत्र भी दिया जाता रहा है. झारखंड गठन के बाद से वर्ष 2000 में जिला बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया.
संघर्ष समिति का दावा है मधुपुर को जिला बन जाने से इसका रूका हुआ विकास पुन: चालू होगा. मधुपुर राज्य के राजधानी रांची व योजना आदि जगहों से सीधे जुड़ेगा और विकास का राशि में मधुपुर के लिए अलग से आवंटन मिलेगा. तकनीकी शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे. सभी कार्यालय जिला स्तरीय हो जाएंगे. जिसका असर विकास पर दिखेगा.
आबादी एक नजर में
प्रस्तावित जिला का क्षेत्रफल एक लाख 36 हजार 938 वर्ग किलोमीटर है. वर्ष 2011 के जनगणना के हिसाब से प्रस्तावित जिला की आबादी छह लाख 96 हजार 110 है. जिसमें महिला तीन लाख 36 हजार 667 व पुरुष की आबादी तीन लाख 56 हजार 435 है. इनमें मधुपुर प्रखंड की आबादी एक लाख 35 हजार 528, मारगोमुंडा में 86 हजार 706, करौं में 88 हजार 246, सारठ में एक लाख 69 हजार 182, पालोजोरी में एक लाख 61 हजार 331 व मधुपुर नगर पर्षद क्षेत्र की आबादी 55 हजार 115 है.
भौगोलिक परिदृश्य
संघर्ष समिति के द्वारा अनुमंडल के सभी पांच प्रखंडों को शामिल करने की मांग कर रहे है. जिसमें करौं, मारगोमुंडा, पालोजोरी, मधुपुर व सारठ शामिल है.समिति के द्वारा पाथरोल, चितरा व जगदीशपुर को तीन नये प्रखंड के रूप में गठन की मांग के साथ ही इसे मधुपुर में शामिल करने की मांग भी रखी गयी है. इसके अलावे सारठ को अनुमंडल बनाने की मांग किया जा रहा है. प्रस्तावित जिला में मधुपुर और सारठ दो विधान सभा आता है.
पांच प्रखंड व 1355 गांव
मधुपुर के प्रस्तावित जिला में पांचों प्रखंड के 110 पंचायत व नन पंचायत को शामिल किया गया है. क्षेत्र में 40 हल्का के अलावे 1355 गांव है. इनमें प्रधानी गांव 498, मुल रैयत 200, खास 257, चिरागी 204, बेचिरागी 191 गांव शामिल है. क्षेत्र में पुलिस थाना 10 व रेल थाना एक है.
अनुमंडल क्षेत्र के पयर्टन स्थल
प्रस्तावित जिला में एसपी माइंस चितरा, बसकुपी कोलयरी, एशिया का प्रसिद्ध ला ओपाला उद्योग, पाथरोल काली मंदिर, रेलवे स्लीपर मुभा उद्योग, बुढ़ई पर्वत मंदिर, गंजोबारी, तस्सर अनुसंधान केंद्र, पत्थर उद्योग से संबंधित कारखाने आदि शामिल है. ऐसे में जिला बनने से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा.
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