देवघर: कर्मचारी भविष्य निधि(इपीएफ) विभाग की ओर से नगर निगम के 95 कर्मियों बैंक खाता फ्रीज कर दिया है. इस वजह से आने वाले त्योहारों(दशहरा, दीपावली व छठ) से पूर्व निगम कर्मियों में मायूसी छा गयी है. इस संबंध में विभागीय जानकारी के अनुसार, नगर निगम अर्ध सरकारी संस्था है. इसलिए इपीएफ मद में निगम के लगभग पौने दो सौ कर्मचारियों का पैसा कटता है. उसे विभाग की ओर से समय-समय पर साधना भवन स्थित एसबीआइ मुख्य शाखा, पोस्टऑफिस देवघर और जसीडीह पोस्टऑफिस में जमा किया जाता है. मगर पिछले अक्तूबर 2012 से लेकर जुलाई 2013 तक के बीच कर्मचारियों के एसबीआइ के खाते में इपीएफ के तहत 14 लाख 96 हजार 673 रुपये जमा नहीं किया गया है.
जब इस बात की जानकारी कर्मचारी भविष्य निधि के सहायक आयुक्त को हुई तो उन्होंने निगम के दस्तावेजों की जांच की. इस क्रम में यह बात सामने आयी कि कर्मचारियों के वेतन से इपीएफ के लिए राशि तो काटी जा रही है. मगर उस राशि को कर्मचारियों के भविष्य निधि के खाते में जमा नहीं किया जा रहा है. ऐसे में नियमों का उल्लंघन होता देख सहायक आयुक्त भड़क उठे. उन्होंने एसबीआइ मुख्य शाखा में संचालित हो रहे नगरनिगम के खातों को तत्काल प्रभाव से फ्रीज करने का आदेश जारी कर दिया. फिलहाल निगम के खाते फ्रीज हैं. ज्ञात हो इससे पूर्व निगम के 112 कर्मियों का खाता एसबीआइ में था. मगर बहुत से कर्मियों के सेवानिवृत हो जाने से संख्या में कमी आयी है.
क्या कहते हैं लिपिक
इस संबंध में निगम के इपीएफ डीलिंग अस्टिटेंट श्याम सुंदर ने बताया कि, निगम में फंड के अभाव केकारण बमुश्किल कर्मचारियों को वेतन मुहैय्या कराया जाता है. फंड के आने की संभावना को देखते हुए खाता को अपडेट करते हुए पीएफ की राशि काटकर रजिस्टर में नाम के आगे चढ़ा दी जाती है. जिसे फंड आने पर उनके खाते में भेजने की तैयारी है.
क्या कहते हैं सीइओ
निगम के पास फंड का बड़ा अभाव है. कर्मचारियों को वेतन तक दे पाने में बड़ी परेशानी हो रही है. इस वजह से निगम के पुराने बकायेदारों की सूची तैयार कर रकम वसूली का अभियान चलाया जायेगा. हां अफसोस है कि, कर्मचारियों को व्यक्तिगत लाभ(विवाह लोन, होम लोन, वाहन लोन) नहीं मिल पायेगा. समस्या के निबटारे के लिए प्रयासरत हैं.