वाहनों की गति कोई जांच स्थानीय पुलिस-प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है. धड़ल्ले से वाहन बेतरतीब ढंग से इस सड़क पर हवा से बात करते चलती है.
सबसे अधिक मौत देवघर-दुमका रोड पर हुई है. लीला मंदिर से घोरमारा के बीच तेज गति के वाहन ने कई परिवार को उजाड़ दिया है. चोपामोड़ से डुमरथर के बीच दर्जन भर बड़ी घटना हो चुकी है. जबकि बड़े वाहन के मामूली झटके से बाइक सवार की मौत हो जाती है. कई जगह तीखे मोड़ भी दुर्घटना का कारण बना है. देवघर-दुमका रोड पर डुमरथर मोड़ के आगे, खरगडीहा व बांझी जंगल के पास तीखे मोड़ की वजह से अक्सर दुर्घटना होती है. जबकि गोड्डा रोड पर डुमरिया मोड़, रमजोरिया, सरुआजोर, जयपुर मोड़ व भगवानपुर मोड़ के पास अक्सर वाहन पलट जाती है. इस तीखे मोड़ को सुधारने में प्रशासन व किसी बड़े जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान नहीं गया.