देवघर. 28 मार्च को शाम 6:30 बजे इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के राजमहल क्षेत्र में एक अखिल भारतीय हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विभिन्न प्रांत से कवियों ने शिरकत की. मुख्य अतिथि राजमहल क्षेत्र के महाप्रबंधक अखिलेश पांडेय ने कवियों एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई. जिसे कवि एवं गीतकार ईश्वर चंद्र त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया. उन्होंने ‘सत्य का आवरण नहीं होता, बात का आचरण नहीं होता, आंसुओं ने बताया आंखों को, दर्द का व्याकरण नहीं होता’ को श्रोताओं ने सराहा. वहीं श्री नागेश शांडिल्य की ‘उम्र भर मैं सच्चा होना चाहता हूं, एक बार फिर मैं बच्चा होना चाहता हूं’ को खूब सराहना मिली. प्रेम और श्रृंगार की कवयित्री डॉ रचना तिवारी की कविता ”प्यार गर है तो हौसला रखना, मिलते रहने का सिलसिला रखना ने सबका दिल जीत लिया. विश्वविख्यात कवि सुनील कुमार तंग ने अपनी हास्य-व्यंग्य की रचनाओं से सभी को लोट-पोट किया. डॉ भूषण त्यागी की ‘भगत सिंह की चिट्ठी’ की रचनाओं कोे खूब सराहना मिली. वहीं डॉ श्लेष गौतम, सुशील साहिल, राघव ‘रागेश’ ने भी अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया. मौके पर इसीएल मुख्यालय के राजभाषा विभाग के प्रमुख दिनेश कुमार सिंह, जीतन कुमार वर्मा, सहायक प्रबंधक (राजभाषा) प्रमुखता से उपस्थित थे.
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ओके…. इसीएल में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन
देवघर. 28 मार्च को शाम 6:30 बजे इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के राजमहल क्षेत्र में एक अखिल भारतीय हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विभिन्न प्रांत से कवियों ने शिरकत की. मुख्य अतिथि राजमहल क्षेत्र के महाप्रबंधक अखिलेश पांडेय ने कवियों एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना […]
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