फोटो संख्या ———सुभाष की. कैप्सन : ———संवाददाता, देवघरलक्ष्मी देवी शराफ आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में चल रहे चार दिवसीय व्याख्यानमाला का मंगलवार को समापन हो गया. व्याख्यानमाला के अंतिम दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ उमाकांत चतुर्वेदी ने ‘नानुमानं रसादीनां व्यड़ग्यानां बोधनक्षमम्’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया. साहित्य के रस व व्यड़ग्य विषय पर साहित्यशास्त्र के अनेक प्राचीन विद्वानों जैसे कुंतक, महिमभट्ट, श्रीशंकुक आदि पूर्व पक्षियों के सिद्धांतों को उपस्थापित कर आचार्य कविराज विश्वनाथ एवं मम्मट के मतों को प्रस्तुत किया. अध्यक्षीय भाषण में प्रभारी प्राचार्य डॉ केशव कुमार राय ने अभिधा, लक्षणा, व्यंजना, त्रिविध शब्द शक्तियों के सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए संस्कृत साहित्य के पठन-पाठन पर बल दिया. महाविद्यालय के छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाओं तथा विशिष्ट व्याख्यानमालाओं को करवाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम का संचालन डॉ गंगाधर झा ने किया. वैदिक मंगलाचरण एवं सरस्वती पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. महाविद्यालय की छात्रा अंशु कुमार झा ने आगत अतिथियों का स्वागत किया. व्याख्यानमाला में कार्यक्रम के संयोजक डॉ गणेश राज जोशी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इस मौके पर महाविद्यालय के अध्यापक विष्णुकांत झा, डॉ अभय चंद्र झा, ज्ञानेश्वर शर्मा, डॉ राकेश कुमार पांडेय, पालन कुमार झा, कर्मचारी डॉ अमरकांत झा, चंदेश्वर यादव, सतीश शर्मा, विक्रम पंडित, दीपक कुमार सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
चार दिवसीय व्याख्यानमाला का समापन, बीएचयू के डॉ उमाकांत चतुर्वेदी ने
फोटो संख्या ———सुभाष की. कैप्सन : ———संवाददाता, देवघरलक्ष्मी देवी शराफ आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में चल रहे चार दिवसीय व्याख्यानमाला का मंगलवार को समापन हो गया. व्याख्यानमाला के अंतिम दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ उमाकांत चतुर्वेदी ने ‘नानुमानं रसादीनां व्यड़ग्यानां बोधनक्षमम्’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया. साहित्य के रस व व्यड़ग्य विषय पर साहित्यशास्त्र के […]
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