फोटो : अमरनाथ में रिखिया के नाम सेसंवाददाता, रिखियापीठ चैत्र नवरात्रि अनुष्ठान रिखियापीठ में शनिवार से शुरू हुआ. अनुष्ठान में सुबह 8:30 से 10:30 बजे तक रिखिया की कन्याएं व मुंगेर की रामायण मंडली द्वारा रामचरितमानस पाठ किया गया. संध्या में भागलपुर की प्रसिद्ध मानस कोकिला कृष्णा देवी ने रामकथा प्रस्तुत की. कथा के दौरान कृष्णा देवी ने कहा कि रिखियापीठ कथा का वाचन करना सौभाग्य की बात है. मुझे तो परमगुरु स्वामी सत्यानंदजी को भी कथा सुनाने का सौभाग्य मिला है. यहां कण-कण में गुरु की छत्रछाया है. रिखिया में फूलों की खुशबू व बच्चों की मुस्कान गुरु की छाया झलकती है. रिखियापीठ में कदम रखते ही ऐसा महसूस होता है कि गुजरा हुआ जमाना वापस आ गया है. उन्होंने कहा कि कथा सुनने से जीवन मंगलमय होता है. कथा के श्रवण से अभिमान खत्म होता है. सेवा का भाव मन में जागृत होता है. जीवन भक्तिमय हो जाता है. भगवान भी कथा सुनते थे. भगवान शिव भी कैलाश में पार्वती जी को कथा सुनाते थे. कथा का स्मरण से हृदय कोमल बनता है. कथा में शिव विवाह व भगवान राम का जन्म का प्रसंग सुनाया गया. भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कैसे हुए, इसके बारे में बताया गया. इस अवसर पर स्वामी सत्संगीजी उपस्थित थीं.
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कथा श्रवण से खत्म होता है अभिमान : कृष्णा देवी
फोटो : अमरनाथ में रिखिया के नाम सेसंवाददाता, रिखियापीठ चैत्र नवरात्रि अनुष्ठान रिखियापीठ में शनिवार से शुरू हुआ. अनुष्ठान में सुबह 8:30 से 10:30 बजे तक रिखिया की कन्याएं व मुंगेर की रामायण मंडली द्वारा रामचरितमानस पाठ किया गया. संध्या में भागलपुर की प्रसिद्ध मानस कोकिला कृष्णा देवी ने रामकथा प्रस्तुत की. कथा के दौरान […]
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