देवघरः बाबामंदिर में अधिक दाम लेकर घटिया पेड़ा बेचा जा रहा है. इसकी शिकायत लगातार श्रद्धालुओं से मिल रही है. दो-दो श्रद्धालुओं ने मंदिर शिकायत पुस्तिका में लिखित शिकायत भी दर्ज की है. इसमें कीड़ायुक्त पेड़ा बेचने का आरोप प्रबंधन बोर्ड में लगाया है. प्रबंधन बोर्ड पेड़ा जांच के लिए भेज कर चुप्पी साध ली है. एक ओर जिला प्रशासन ने आम पेड़ा व्यवसायियों को 250 रु में पेड़ा बेचने का निर्देश दिया है.
जबकि मंदिर प्रबंधन बोर्ड द्वारा प्रसादम के नाम पर तय कीमत से एक सौ रुपये अधिक कीमत में पेड़ा बेच रही है. प्रबंधन बोर्ड ने बाबाधाम आये भक्तों को अति विशिष्ट पेड़ा देने के मकसद से पेड़ा बेचने का निर्णय लिया था. इसके लिए प्रबंधन बोर्ड ने श्रवणी मेला शुरू होने से पहले झौंसागढ़ी गोशाला सेवा समिति को गाय व दूध दुहने की मशीन खरीदने के नाम पर मोटी राशि भी दी है. बावजूद श्रद्धालुओं को अधिक दाम पर भी शुद्ध पेड़ा नहीं मिल रहा है. इससे श्रद्धालुओं के अलावा स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
27 व 29 जुलाई को किया है दो श्रद्धालुओं ने शिकायत दर्ज
प्रबंधन बोर्ड के पेड़ा की शिकायत शुरू से ही मिल रही थी. लेकिन 27 जुलाई को बिहार नवादा निवासी राम जन्म शर्मा ने पहली शिकायत दर्ज की. इसमें कहा कि दो दिन बाद ही पेड़ा में फफूंदी पड़ने लगा. उससे बदबू मारने लगा. कीड़ा भी निकल आया. जबकि दूसरी शिकायत दो दिन बाद ही 29 जुलाई को दिल्ली शालीमारबाग निवासी कृष्ण कुमार जैन ने की. उन्होंने पेड़ा खरीदते ही काउंटर पर ही बदबू मारने की शिकायत की.
क्या कहते हैं मंदिर प्रभारी
इस संबंध में मंदिर प्रभारी इंदुरानी ने कहा कि अभी तक उनके पासकोई शिकायत नहीं आया है. हां शिकायत पुस्तिका में दो श्रद्धालुओं के शिकायत करने की बात मालूम हुआ है. वह बोर्ड को जानकारी दे चुकी है.
कहते हैं गोशाला के वरीय पदाधिकारी
इस संबंध में गोशाला समिति के वरीय सदस्य रमेश बाजला ने कहा कि पेड़ा गाय के शुद्ध दूध से बनाया जा रहा है. क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं हो रहा है. हमलोग पेड़ा के एक्सपर्ट नहीं है. कभी-कभी भुनाई में गड़बड़ी होने से पेड़ा में शिकायत हो सकती है. पेड़ा का टिकाउपन चीनी पर निर्भर करता है. अधिक चीनी मिलने से टिकाऊ अधिक होता है. बोर्ड की ओर से पांच लाख मिला है. लेकिन वह अभी तक एकाउंट में ही पड़ा हुआ है.