देवघर: हिंदी विद्यापीठ के तिलोकचंद बाजला सभागार में मंगलवार को गोस्वामी तुलसी दास जयंती समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र, विशिष्ट अतिथि डॉ आदित्यनाथ मिश्र एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ मोहनानंद मिश्र ने गोस्वामी तुलसी दास की तसवीर पर पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया. तुलसी पर आधारित प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को समारोह में सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि संजय मिश्र ने कहा : वर्तमान समाज में गोस्वामी तुलसी दास को याद करने की जरूरत है.
हमलोग पुराने रीति-रिवाज, परंपरा सहेजेंगे तभी नयी पीढ़ी को अवसर मिल पायेगा. उन्होंने कहा कि घोर अभाव के बीच गोस्वामी तुलसीदास ने अपने आराध्य राम को केंद्र में रख कर रामचरित मानस की रचना की. सच्चे तौर पर कहा जाये तो अपनी हृदय की बात ऐसे ही लिखी जाती है. निश्चित रूप से वर्तमान परिप्रेक्ष्य में समाज को तुलसीदास के अनूठे प्रयास को अपनाना चाहिए. आज तुलसीदास को हर किसी को पढ़ने की जरूरत है. इसके लिए बेहतर अवसर देना होगा. लेकिन, विडंबना है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से पाठ्य-पुस्तक से तुलसी की रचना को हटाने का प्रयास किया जा रहा है.
विशिष्ट अतिथि ने डॉ आदित्यनाथ मिश्र ने कहा कि तुलसीदास के बारे में जितना बोला जाये, उतना कम है. तुलसी दास की रचना में रस, अलंकार, छंद भरे पड़े हैं. समाज को उसे आत्मसात करने की जरूरत है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ मोहनानंद मिश्र ने तुलसी दास एवं उनकी रचना के बारे में अतिथियों को अवगत कराया. मंच संचालन हिंदी विद्यापीठ के डॉ शंकर मोहन झा ने किया. इस मौके पर गोवर्धन साहित्य महाविद्यालय के प्रिंसिपल श्रीकांत झा, जीएस हाइस्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह, प्रो मोती लाल द्वारी, स्वतंत्रता सेनानी चंद्रमा सिंह, संगीत शिक्षक पूरन शंकर फलाहारी सहित काफी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकगण उपस्थित थे.