देवघर : रेल बजट की तरह झारखंड और खास तौर से देवघर के लिए आम बजट निराशाजनक रहा. यहां के लोगों को आशा थी कि बजट में देवीपुर में एम्स की स्थापना की घोषणा होगी. लेकिन बजट भाषण लोग सुनते रहे लेकिन झारखंड का नाम एम्स के लिए नहीं आने से मायूसी हाथ लगी.
बजट में इस बार देवघर/झारखंड को एम्स नहीं मिला. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार, असम, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व तमिलनाडु में एम्स जैसे अस्पताल की स्थापना की घोषणा की. जबकि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन सिंह ने हर राज्य में एम्स जैसे अस्पताल बनाने की बात कही थी. इसके आधार पर सभी राज्यों से प्रस्ताव और जमीन चिन्हित कर जमीन संबंधी रिपोर्ट भी मांगी गयी थी.
पहले तो हेमंत सरकार में खूब खींचतान हुई. तत्कालीन राज्य सरकार ने देवघर, दुमका, रांची और बोकारो में से किसी एक जगह पर एम्स बनाने का प्रस्ताव तैयार किया. लेकिन प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा जा सका. रघुवर दास ने सीएम बनते ही पहला काम यह किया कि देवघर स्थित देवीपुर में अधिग्रहित जमीन की रिपोर्ट के साथ यहां एम्स बनाने का प्रस्ताव भेजा. लेकिन फिर भी इस बार के बजट में देवघर में एम्स को शामिल नहीं किया गया.
जिन राज्यों का नाम बजट में वित्त मंत्री ने लिया है, उन सभी राज्यों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने दौरा कर निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंप दिया था, लेकिन देवघर में टीम नहीं आयी, इस कारण इस बजट में एम्स की स्थापना होने का प्रावधान नहीं किया जा गया.
* कहते हैं सांसद
केंद्र का कमीटमेंट है, बनेगा देवघर में एम्स : निशिकांत
सांसद निशिकांत दुबे ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट बहुत बढ़िया है. गरीबों के लिए बहुत कुछ है. देवघर में भी एम्स की स्थापना होगी. बजट भाषण में वैसे राज्यों का नाम लिया गया है, जहां-जहां केंद्रीय टीम ने निरीक्षण कर रिपोर्ट सरकार को सौंपा था. केंद्र का कमीटमेंट है कि हर राज्य में एम्स जैसे अस्पताल की स्थापना होगी. इसलिए बजट में राशि का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि सबसे अहम है कि छोटे दुकानदारों/व्यवसायियों के लिए मुद्रा बैंक बन रहा है. सस्ते दर पर इन्हें लोन मिल सकेगा. सिंचाई की सुविधा के लिए प्रावधान किया गया है.