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आखिर कब मिटेगा कलंक

देवघरः एएस कॉलेज पर पांच वर्षो से डिबार का कलंक लगा है. कॉलेज के कर्मचारियों एवं छात्रों के आरोप को गंभीरता से लेते हुए सिदो कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय दुमका के तत्कालीन कुलपति ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए 10 अगस्त 2009 को तीन वर्ष के लिए एएस कॉलेज को डिबार घोषित कर दिया था. […]

देवघरः एएस कॉलेज पर पांच वर्षो से डिबार का कलंक लगा है. कॉलेज के कर्मचारियों एवं छात्रों के आरोप को गंभीरता से लेते हुए सिदो कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय दुमका के तत्कालीन कुलपति ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए 10 अगस्त 2009 को तीन वर्ष के लिए एएस कॉलेज को डिबार घोषित कर दिया था.

शर्त के अनुसार कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल का रिटायरमेंट अथवा तीन वर्ष की अवधि अथवा दोनों में जो टर्म पहले पूरा होगा. इस दौरान कॉलेज में इंटरमीडिएट से संबंधित हरेक गतिविधियों पर विराम लगा दिया गया था. लेकिन शर्त के अनुसार तत्कालीन प्रिंसिपल रिटायर हो गये. साथ ही तीन वर्ष का शर्त भी पूरा हो गया. बावजूद अबतक एएस कॉलेज पर से डिबार का कलंक नहीं मिटा है.

अबतक इंटरमीडिएट के दो प्रभारी बनाये गये : विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विशेषाधिकार का प्रयोग किये जाने के बाद अबतक एएस कॉलेज में इंटरमीडिएट के दो प्रभारी बनाये गये हैं. पहली प्रभारी प्रो कृष्णा रॉय सेवानिवृत्त हो चुकी हैं. जबकि वर्तमान इंटरमीडिएट प्रभारी के पद पर डॉ फणिभूषण यादव कार्यरत हैं.

क्या था पूरा मामला : एएस कॉलेज के एक छात्र एक ही सत्र में झारखंड अधिविद्य परिषद एवं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित क्रमश: इंटरमीडिएट एवं बारहवीं की परीक्षा में शामिल हो गये थे.

दोनों ही परीक्षा में छात्र को सफलता मिल गयी थी. नियमानुकूल नियमित शैक्षणिक सत्र में एक वक्त में छात्र एक ही परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. मामला प्रकाश में आने के बाद कई दिनों तक हंगामा एवं विरोध होता रहा. अंतत: विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए एएस कॉलेज को तीन वर्ष के लिए डिबार कर दिया था.

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