यह असुरों को प्रबल होने से रोकने के लिए असुरों के खिलाफ देवताओं के संघर्ष की एक रमणीय कहानी है. यह कहानी देवघर में ज्योतिर्लिग की स्थापना का वर्णन करता है. संस्कृत के भावपूर्ण भजनों से अलंकृत यह शो देवघर आने वाले तीर्थयात्री/पर्यटकों को शो के दौरान बांधे रखेगा. इस प्राचीन कथा को अत्याधुनिक तकनीक से लैस मेप्ड प्रोजेक्सन्स, रीयर वाटर स्क्रीन प्रोजेक्सन एवं इन्टेलिजेंट लाइटिंग के साथ 51 थिएट्रिकल सराउण्ड साउण्ड सिस्टम द्वारा जीवंत किया गया है.
यह शो देवघर के शिल्पग्राम की दीवार जिसे विशेष तौर पर तैयार किए गए पानी के स्क्रीन जो 15 मीटर ऊंचा एवं 22 मीटर चौड़ा है पर प्रदर्शित किया जाता है. प्रयोग की गयी सभी सामग्री आयातित है और वीडियो प्रोजेक्टर रिमोट डिवाइस फिचर्स की सुविधा के साथ बाहरी वातावरण में इटेलिजेंट घेरावों में रखे जाते हैं. उक्त शो में प्रयुक्त तकनीक का इस्तेमाल अतंरराष्ट्रीय मानक के बराबर है. इस शो को प्रतिदिन शायं 6.30 एवं 7.30 बजे क्रमश: देखा जा सकता है.