उन्होंने बेबाकी से अपना राजनीतिक एजेंडा को बयां किया. उन्होंने कहा कि जनता ने जिन आकांक्षाओं के साथ दो टर्म विधायक चुना, जनता की सेवा में लगे रहे. जितने दिन मंत्री रहे या मंत्री नहीं भी रहे तो भी विधायक के रूप में लोगों के लिए बहुत सी योजनाएं लाये. पिछले 14 माह की हेमंत सरकार में भी विकास के काम को गति दिलवायी. लेकिन इतना काम करने के बाद भी क्यों हारे, इसकी समीक्षा करेंगे. शुरू से ही वे जनता की सेवा करते रहे हैं. लेकिन जनता ने जो जनादेश दिया है, उसका वे सम्मान करते हैं.
क्योंकि लोकतंत्र में जनता सवरेपरि है. अगला पांच साल मंथन का समय मिला है. झामुमो के सिपाही होने के नाते अब वे लोगों से मिलेंगे और जानेंगे कहां त्रुटि रह गयी. गांव-गांव जाकर एक-एक लोगों से मिलने का काम करेंगे. जिन लोगों ने मुङो वोट दिया और जिन लोगों ने नहीं भी दिया, सबके सुख-दुख में साथ देंगे. आने वाले समय में जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करते रहेंगे. विकास का जो काम उन्होंने शुरू करवाया है, वह समय पर पूरा हो, उस पर नजर रखेंगे. जरूरत पड़ी तो जनसमस्या के लिए आवाज भी बुलंद करेंगे.