फोटो सुभाष के फोल्डर में देवदास के नाम से रिनेम है-अग्रहरि आश्रम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़-संगीतमय राम कथा सुन गदगद हुए भक्तसंवाददाता, देवघरसब कुछ यहीं रहता है. अपना सत्कर्म ही साथ जाता है. उक्त बातें ब्रह्मलीन योगी सम्राट देवराहा बाबा के परम शिष्य योगीराज देवदास जी महाराज ने कही. श्री देवराहा दिव्य सत्संग के तत्वावधान में मंदिर मोड़ स्थित अग्रहरि आश्रम में चल रहे संगीतमय राम कथा में शनिवार को उन्होंने कहा कि मनुष्य खाली हाथ आया है, वह खाली हाथ ही जायेगा. अपना सत्कर्म व भगवत नाम ही साथ जाता है. इसलिए जीवन में अधिक से अधिक सत्कर्म करें. यह जीवन की कमाई है. भगवान नाम ही भव सागर से पार करता है. उन्होंने अपने गुरु की चर्चा करते हुए कहा कि देवराहा बाबा 1986 में देवरिया से हिमालय जाने का निश्चय किये. यात्रा के दौरान वृंदावन में कुछ दिनों तक ठहरे. वहां राधा-कृष्ण भगवान ने दर्शन देकर बाबा को वृंदावन में ही रहने का आदेश दिया. उसके बाद से बाबा वृंदावन के हो गये. बाबा वहीं पर भजन-कीर्तन में अपने को रमा लिया. उन्होंने अंतिम समय तक यमुना तट पर रहे. संगीतमय कथा में हरमोनियम पर मदन लाल, बांसुरी पर सोनेश्वर व तबला पर ब्रज मोहन संगत किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य बद्री प्रसाद, नारायण टिबड़ेवाल, मैथिलीशरण गुप्त, सुनील कुमार गुप्ता, दीप नारायण मंडल, छेदी लाल, राजेंद्र यादव, अरुण गुप्ता, शंकर प्रसाद गुप्ता, युगल प्रसाद गुप्ता, कन्हैया केसरी आदि सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं.
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सब कुछ यहीं रह जायेगा, साथ जायेगा सत्कर्म : देवदास जी महाराज
फोटो सुभाष के फोल्डर में देवदास के नाम से रिनेम है-अग्रहरि आश्रम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़-संगीतमय राम कथा सुन गदगद हुए भक्तसंवाददाता, देवघरसब कुछ यहीं रहता है. अपना सत्कर्म ही साथ जाता है. उक्त बातें ब्रह्मलीन योगी सम्राट देवराहा बाबा के परम शिष्य योगीराज देवदास जी महाराज ने कही. श्री देवराहा दिव्य सत्संग के […]
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