देवघर: श्रावणी मेले में हर साल नशीली पदार्थ बिक्री कराने वाला गैंग भी आता है. इस गैंग का संगठित कारोबार कांवरिया पथ में सुलतानगंज से बाबाधाम तक फैला हुआ है. गैंग में न सिर्फ व्यस्क सदस्य हैं बल्कि छोटे-छोटे बच्चों को भी बतौर सदस्य शामिल किया जाता है. गैंग की खासियत यह है कि पूरे कांवरिया पथ में नशीली पदार्थ का कारोबार नाबालिग बच्चों से कराया जाता है.
नाबालिग बच्चे झोले में गांजा का छोटा-छोटा पुड़िया बना कर बेचते ही हैं. वहीं सिगरेट का एक अनूठा क्वालिटी भी कांवरियों के बीच बेचते हैं. सूत्रों के अनुसार गिरोह द्वारा प्रलोभन में फंसाये गये बच्चे रुपये कमाने के लोभ में सिगरेट में गांजा भर कर बिक्री करते हैं. खासियत यह है कि इसके अलावे बच्चों के झोले में गुटखा, पान मसाला व सिगरेट भी मिलता है. यूं कहें तो कांवरिया पथ में दर्जनों ऐसे चलता-फिरता बाजार बच्चों द्वारा संचालित किया जाता है.
खाना हो या न, नशा जरूरी
कांवरियों का खाना हो या नहीं किंतु नशा आवश्यक है. कभी-कभी तो नशे में कांवरियों की जान जाने की स्थिति रहती है. नशे में अधिकांश कांवरिये मानसिक संतुलन भी खो बैठते हैं. इस तरह से ऐसे कई कांवरिये परिजन से बिछड़ जाते हैं. इस प्रकार वर्षो से बिछड़े कई कांवरिये अब तक घर नहीं पहुंचे हैं. खोज में परिजनों ने आ कर थाना व रेल स्टेशन सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर अपनों का पोस्टर भी छोड़ गये हैं, जो नशीली कारोबार का बेहतर प्रमाण माना जा सकता है.
पुलिस को रहती है जानकारी
इस अवैध धंधे की जानकारी संबंधित इलाकों के पुलिस को भी रहती है. बावजूद पुलिस इन मामलों पर कुछ भी कार्रवाई नहीं करती है. श्रावणी मेला आरंभ होने में अब मात्र छह दिन शेष बचे हैं. बावजूद ऐसे मामलों से निपटने के लिए पुलिस ने कोई ठोस बंदोबस्त नहीं की है.