18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेखा-जोखा: अपेक्षा पर खरा नहीं उतरा पर्यटन विभाग काम कम, घोषणा हुई अधिक

देवघर: धार्मिक नगरी में पर्यटन विभाग कुछ खास नहीं कर पाया. देवघर विधायक के पर्यटन सह नगर विकास मंत्री बनने से लोगों में उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी थी. लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका. विभाग की ओर से काम कम, वायदे अधिक किये गये. इससे लोगों में उदासी ही छायी रही. हालांकि पर्यटन […]

देवघर: धार्मिक नगरी में पर्यटन विभाग कुछ खास नहीं कर पाया. देवघर विधायक के पर्यटन सह नगर विकास मंत्री बनने से लोगों में उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी थी. लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका. विभाग की ओर से काम कम, वायदे अधिक किये गये. इससे लोगों में उदासी ही छायी रही. हालांकि पर्यटन विभाग ने कई अच्छे कार्य भी किये. इसमें श्रवणी मेले में शिवधुन, शिल्पग्राम में अलौकिक लाइट एंड साउंड सिस्टम, ग्लाइडर चालू होना मुख्य रूप से शामिल है.

धरातल पर नहीं उतरी योजनाएं

विभाग की ओर से लंबे-चौड़े वायदे किये गये. देवघर को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए हरसंभव उपाय की घोषणा की गयी. लेकिन धरातल पर कुछ नहीं किया गया. केवल सपना दिखा कर यह साल बीत गया.

पर्यटन विभाग से मिला एक मात्र टॉय ट्रेन

शहर के सबसे चर्चित नंदन पहाड़ को पर्यटन विभाग की ओर से उपेक्षित ही छोड़ दिया गया. उसे जिला प्रशासन से अपने हाथ में नहीं लिया गया. पहाड़ को अपने भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया. विभाग ने खराब पड़े बोट की मरम्मत भी नहीं करायी और न ही एक भी नया बोट दिया. पहाड़ पर बच्चों के प्रिय मिक्की माऊस तक नहीं है. केवल एक टॉय ट्रेन दी गयी.

पहले दिया रोजगार फिर हटाया

विभाग ने मंदिर के आस-पास सफाई के नाम पर एक दर्जन से अधिक सफाईकर्मियों की बहाली किया. इसमें तीन महीनों के अंदर ही आधे से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया गया. उसके सामने रोजी-रोटी की समस्या पुन: आ पड़ी है.

नहीं दौड़ी सड़कों पर पर्यटन विभाग की बसें

विभाग की ओर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नयी बसों को दौड़ाने की बात कही गयी थी. इस योजना पर भी कुछ काम नहीं हुआ. पूर्व से पड़ी देवयान बस को भी पर्यटन विभाग संचालित नहीं कर सकी. उसे दूसरे विभाग को देना पड़ा.

चालू होकर बंद हो गया ग्लाइडर

पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का मनपसंद ग्लाइडर चालू किया गया था. लेकिन उसे अनवरत नहीं रखा जा सका. बीच में ही योजना फेल हो गयी. उसे अंत तक चालू नहीं किया जा सका है.

नहीं बन सका क्यू कांप्लेक्स

बाबाधाम का सबसे चर्चित क्यू कांप्लेक्स भी नहीं बन सका. यह जमीन के नाप तक ही रह गया. फंड में पैसे होने के बाद भी काम पूरा होना तो दूर शुरू भी नहीं हो सका. मामला न्यायालय में फंस कर रह गया. इसके बनने से बाबाधाम की शोभा बढ़ने के साथ-साथ श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में भी सहुलियत होती.

लाखों की होती आमदनी

देवघर धार्मिक नगरी के साथ-साथ पर्यटन क्षेत्र भी है. यहां पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं. उसे विकसित कर लोगों को रोजगार के साथ-साथ राजस्व में भी वृद्धि की जा सकती है. दुर्भाग्य है कि इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. नये साल में नयी सरकार आनेवाली है. उम्मीद है नयी सरकार लोगों की भावनाओं को गंभीरता से लेते हुए पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें