देवघर: प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव की अदालत द्वारा सुरेंद्र रवानी को तत्काल राहत मिल गयी है. इनके बेल पिटीशन पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 22 दिसंबर तक प्रोविजनल बेल दे दिया गया.
औपबंधिक जमानत मिलने के बाद आरोपित की ओर से बंध पत्र दाखिल किया गया तथा कारा से छोड़ने का आदेश दिया गया. इन पर दलित प्रताड़ना का आरोप है. इन्हें नगर थाना कांड संख्या 307/14 का आरोपित बनाया गया है.
क्या है मामला : जिला परिषद की बैठक में जिप अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया था. इसी को लेकर डीडीसी कार्यालय में जिप सदस्य सुरेंद्र रवानी और कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार मुमरू में विवाद हो गया था. यह घटना 29 अगस्त 2014 को घटी थी. इस संदर्भ में कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार मुमरू ने नगर थाना में एफआइआर दर्ज कराया जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की धारा 3 (10) समेत मारपीट की धारा लगायी गयी है. पुलिस ने नामांकन के बाद इन्हें मधुपुर से गिरफ्तार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया था. पश्चात कारा भेज दिया गया था.
लोअर कोर्ट से इनकी जमानत आवेदन खारिज कर दी गयी थी. इसके बाद जिला जज की अदालत में जमानत आवेदन दिया गया जहां से तत्काल राहत मिली.