मधुपुर: प्रसिद्ध ला-ओपाला आरजी लिमिटेड ग्लास फैक्टरी में रविवार की सुबह अचानक भीषण आग लग गयी. इससे करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हो गया. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. आग लगने से कारखाना में लगा एकमात्र फर्नेस ध्वस्त हो गया. इससे उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ला-ओपाला कारखाना के फर्नेस में मिक्स तेल की आपूर्ति किये जाने वाले फायर पॉल्यूशिंग मशीन के टैंक व पाइप लाइन में अचानक आग पकड़ लिया. इसके बाद पल भर में आग फैल गयी . देखते ही देखते फैक्टरी का पूरा फर्नेस जलकर राख हो गया. फर्नेस में करीब 40 टन ग्लास की सामग्री थी. जिसकी अनुमानित कीमत तीन करोड़ बतायी गयी है.
फैक्टरी में मची भगदड़ : आग लगने से फैक्टरी में भगदड़ मच गयी. घटना की सूचना प्रबंधन ने पुलिस प्रशासन व फायर बिग्रेड टीम को दी. इसके बाद अग्िशमन दस्ता घटनास्थल पर पहुंचकर आग को काबू पाने में जुट गये. करीब डेढ़ घंटा के बाद आग पर काबू पाया गया. इस दौरान आग की चपेट में आने से चाइनीज तकनीक से बना फर्नेस,
फायर पॉल्यूशिंग मशीन व टैंक, इलेक्ट्रॉनिक फ्लाश, पाइप लाइन, वायरिंग समेत कई मशीन जलकर खाक हो गया.
अधिकारियों ने लिया जायजा
घटना की सूचना मिलने पर एसीडीओ एनके लाल, एसडीपीओ वीरेंद्र कुमार चौधरी, सीओ संजय कुमार प्रसाद, प्रमुख सुबल प्रसाद सिंह, थाना प्रभारी जयराम प्रसाद आदि पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. कारखाना का एकमात्र फर्नेस के ध्वस्त होने से उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया है. प्रबंधन ने एक माह में पुन: फर्नेस के तैयार होकर उत्पादन किये जाने की बात कही है. उक्त कारखाना में तकरीबन साढ़े तीन सौ मजदूर कार्यरत हैं. आग लगने का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है. लेकिन शॉर्ट-सर्किट से आग लगने की संभावना जतायी जा रही है. मौके पर कारखाना के उपाध्यक्ष अविनाश कुमार सिन्हा, केके त्रिपाठी, पीके उपाध्याय, प्रशांत बनर्जी के अलावा सैकड़ों कर्मी मौजूद थे.
इन सामग्रियों का होता है उत्पादन, विदेशों में भी निर्यात
कारखाना में दो डिविजन है. ला-ओपाला में क्रॉकरी आइटम तैयार किये जाते हैं. दूसरा डिवीजन क्रिस्टल आइटम का है. जो पूरी तरह से सुरक्षित है. ला-ओपाला में डिनर सेट, टी सेट, शरबत सेट, गुलदस्ता सेट आदि विभिन्न प्रकार के घरेलू इस्तेमाल में आने वाली सामग्री तैयार की जाती है. इसकी आपूर्ति देश भर सहित विदेश में भी होती है.
आग लगने की घटना से कारखाना को तकरीबन 15 करोड़ का नुकसान हुआ है. पुन: उत्पादन कार्य को प्रारंभ करने में एक माह तक का समय लग सकता है. फर्नेस का पूरा तकनीक चाइनीज था.
– अविनाश कुमार सिन्हा, कारखाना के उपाध्यक्ष