देवघर: राज्य बाल आयोग संरक्षण की सदस्या रंजना कुमारी ने कहा कि जिले के प्राइमरी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है. विद्यालय में गठित स्कूल प्रबंध समिति भी फंग्शनल नहीं है. सूबे में शिक्षा का अधिकार कानून लागू है. बच्चों के अधिकार से जुड़े कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. लेकिन, इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिरसा नुनथर मोहनपुर की शिक्षिका सुजाता लाजवंती हांसदा पिछले 10 वर्षो से टीचर ट्रेनिंग कॉलेज जसीडीह में प्रतिनियोजित हैं. लेकिन, वर्तमान में कहां कार्यरत है. इसकी जानकारी विभाग को नहीं है. यह बातें आयोग की सदस्य ने मोहनपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिरसा नुनथर व उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरगडीहा का निरीक्षण के बाद पत्रकारों से सर्किट हाउस में कही. मोहनपुर प्रखंड में निरीक्षण के दौरान रंजन ने खरगडीहा आंगनबाड़ी केंद्र का भी जायजा लिया था.
उन्होंने कहा कि मोहनपुर प्रखंड में निरीक्षण के दौरान पाया कि वर्ग कक्ष में ताला लटका है. लेकिन, बच्चे बरामदे पर बैठ कर पढ़ाई कर रहे थे. नामांकन के मुकाबले बच्चों की उपस्थिति आधे से भी कम थी. पूरी स्थिति को देखने के बाद लगा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक कार्यक्रम संचालन को लेकर एक्टीव नहीं है. छात्रों से पुराने किताब लेकर स्कूल में रखा गया है. जबकि स्कूल में नयी किताबें काफी मात्र में पड़ा हुआ है. लेकिन, उसका वितरण नहीं किया गया है. विद्यालय में छह नि:शक्त बच्चे उपस्थित थे. लेकिन, उनके लिए रिसोर्स पर्सन उपलब्ध नहीं है. स्कूल प्रबंधन को बाउंड्रीवॉल के लिए पैसा भेजा गया.
लेकिन, अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र खरगडीहा मोहनपुर में 40 बच्चों के मुकाबले 20 बच्चे उपस्थित थे. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण आवेदन देकर छुट्टी पर चली गयी थीं. इस मौके पर जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता, एडीपीओ संजय कापरी, मोहनपुर बीइइओ तरुण कुमार आदि उपस्थित थे.