देवघर: प्रभात खबर पाठकों के लिए समय-समय पर विभिन्न क्षेत्र से विशेषज्ञों को आमंत्रित कर परिचर्चा का आयोजन करती है. इसी कड़ी में शनिवार को कृषि क्षेत्र से कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी के कृषि वैज्ञानिक परिमल कुमार सिंह प्रभात खबर कार्यालय में उपस्थित हुए.
श्री सिंह ने रबी फसल, गेहूं, सब्जी, फूलों की खेती व बीज के उपचार के बारे में विस्तृत रूप से तकनीकी जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने फोन पर भी किसानों के सवाल का जवाब दिया. श्री सिंह ने कहा कि अधिकांश फसलों व सब्जियों में बीमारियों का कारण बीज का समय पर उपचार नहीं करना होता है. बीज की बुआई से पहले अगर बीजोपचार कर दिया जाये तो 75 फीसदी बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सकता है. शेष 25 फीसदी बीमारियां मिट्टी, हवा व पानी से फसलों पर फैलता है. अधिकांश बीमारियां कीड़ा व दीमक से फैलता है. इस पर भी किसान साधारण नुस्खा अपना कर नियंत्रण पा सकते हैं. खेती से पहले किसान जिस गोबर को खेतों में डालते हैं उस गोबर के ढेर के आसपास गुड़ के घोल का छिड़काव कर दें. गुड़ से चिटियां आयेगी व दीमक-कीड़ा को उठा ले जायेगी. इससे दीमक-कीड़ा लगने की संभावना खत्म हो जायेगी.
कैसे करें बीजोपचार
फसलों व सब्जियों का बिचड़ा डालने से पहले किसान एक टीन पानी में दो ग्राम वेबस्टिन मिलाकर उसके बिचड़ा डाल दें. बिचड़ा करीब आधे घंटे तक पानी में छोड़ देना है. इस दौरान खराब बिचड़ा तैरकर उपर आ जायेगा व अच्छा बिचड़ा पानी के अंदर बैठ जायेगा. आधे घंटे के बाद खराब बिचड़ा को निकालकर फेंक देना है व अच्छे बिचड़ा को सूती कपड़ा में दस मिनट तक हल्की धूप में सूखने दें. उसके बाद बिचड़ा की बुआई शुरू करें. वेबस्टिन बाजार में खाद-बीज के दुकानों में उपलब्ध है.
बैंगन व टमाटर के पौधों को बचायें
बैंगन व टमाटर की सब्जियों के पौधों में बीमारी भी अधिक तेजी से फैलता है. किसान इससे निबटने के लिए नीम, अंडी व करंच की खली का इस्तेमाल कर सकते हैं. करीब 10 ग्राम नीम की खली पौधा लगाने से पहले गड्ढे में डाल देने से पौधों को मजबूती मिलती है व पौधा को सूखने से बचाया जा सकता है.