देवघर: गोरेलाल झा, चुन्ना झा, रूपेश द्वारी, मुरारी राज जजवाड़े मर्डर केस के बाद अब जसीडीह में दो छात्रओं की गैंग रेप के बाद हत्या के मामले पर लोगों में उबाल है. 12 दिन बीत गये लेकिन देवघर पुलिस को इस कांड के उदभेदन में कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी है.
अभी भी आरोपित पुलिस पकड़ से बाहर हैं. एक बार फिर पुलिस के वरीय अधिकारी कह रहे हैं कि जसीडीह कांड की जांच सीआइडी या उच्चस्तरीय एजेंसी से करायी जाये. यह सुनते ही देवघरवासियों की पुरानी यादें ताजा हो गयी. लोग कहने लगे हैं कि सीआइडी में मामला जाते ही टायं-टायं फिस हो जाता है.
पिछले एक दशक में शहर से जुड़े आधे दर्जन से भी अधिक बड़ी मर्डर मिस्ट्री जो सीआइडी के पाले में गयी, आज तक उसके पाले से निकल नहीं पायी है. मर्डर मिस्ट्री अनसुलझी है. अधिकांश मामले को सीआइडी ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इस कारण पुराने मर्डर केस के पीड़ितों को आज तक न्याय नहीं मिला है. अब यदि जसीडीह की दो छात्रओं के मामले को भी सीआइडी के सुपुर्द कर दिया गया तो इसका हश्र भी कहीं पुरानी चर्चित मर्डर केस की तरह न हो जाये, इस बात से लोग सशंकित हैं.
कितने पुराने मामले हैं सीआइडी के ठंडे बस्ते में गोरेलाल झा मर्डर केस-लगभग दस साल (बिना उदभेदन के केस क्लोज, सांसद निशिकांत दुबे की पहल पर 2012 में रि-ओपेन हुआ केस)
चुन्ना झा मर्डर केस, 10 साल
रूपेश द्वारी, आठ साल
मुरारीराज जजवाड़े, पांच साल
गोविंद यादव (नाजिर, देवीपुर), छह साल