देवघर: श्रावणी मेले को 15 दिन शेष बचे हैं. ऐसे में विश्व प्रसिद्ध मेला को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन व अन्य विभागों की ओर से जोर-शोर से तैयारी की जा रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार का एक विभाग(पीएचइडी) ऐसा भी है जो मेले के बीच में अपनी योजना को पूरा करने की प्राथमिकता देते हुए मरम्मत की हुई चीजों को बिगाड़ने का काम कर रहा है.
छह वर्ष पूर्व 2007-08 में करोड़ों की लागत से विभागीय संवेदक (आइवीआरसीएल) द्वारा अति महत्वकांक्षी योजना शहरी जलापूर्ति योजना की शुरुआत की गयी. मगर विभागीय अड़चन व संवेदक कंपनी द्वारा ढिलाई बरतने के कारण योजना ससमय पूरा न हो सका. कई बार योजना के अधर में लटकने की नौबत आयी. काफी जद्दोजहद के बाद उसमें गति आयी है.
मगर श्रवणी मेले के बीच ही योजना को पूरा करने का संकल्प शहरवासियों को संकट में डाल रहा है. हाल के 15 दिनों के अंदर देवघर-जसीडीह मुख्य मार्ग स्थित तीन अलग-अलग स्थलों बड़ी मसजिद के समीप, राय कंपनी मोड़ पर और अब पोस्ट ऑफिस के ठीक सामने बारी-बारी से मुख्य सड़क को काट कर पाइप बिछाने का काम किया गया. इस कारण जहां शहरवासियों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर वाहन मालिक व चालकों को अनावश्यक फ्यूल खर्च कर लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. इससे लोगों में काफी आक्रोश है. लोगों का कहना है कि शुक्र है बारिश नहीं हो रही है वरना पूरा शहर कीचड़मय हो जायेगा. इसका खामियाजा शहरवासियों को ही उठाना पड़ेगा.
बिना अनुमति हो रहा काम
मामले में पीडब्ल्यूडी पदाधिकारियों ने पीएचइडी पदाधिकारी व संवेदक पर बिना संबंधित विभाग के अनुमति के सड़क कटिंग करने का आरोप लगाया है. शहर में गड्ढा खोदा जा रहा है. इससे जहां लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. वहीं श्रवणी मेले से पहले शहर की सूरत बिगड़ गयी है.