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लोकायुक्त में मामला आने के बाद सीएस ने सौंपी सूची

देवघर : जिले के दर्जनों डॉक्टरों को देवघर से मोहभंग नहीं हो रहा है. जिले के करीब 20 डॉक्टर हैं, जिन्होंने नौ साल से 30 साल की सेवा अवधि में बीते नौ वर्ष से लेकर 25 वर्षों तक देवघर में ही कार्यरत हैं व कार्य कर रहे हैं. किसी भी जिले में अधिकारी व कर्मियों […]

देवघर : जिले के दर्जनों डॉक्टरों को देवघर से मोहभंग नहीं हो रहा है. जिले के करीब 20 डॉक्टर हैं, जिन्होंने नौ साल से 30 साल की सेवा अवधि में बीते नौ वर्ष से लेकर 25 वर्षों तक देवघर में ही कार्यरत हैं व कार्य कर रहे हैं. किसी भी जिले में अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति तीन वर्ष ही होती है. डाबरग्राम चांदपुर निवासी अभय कुमार सिंह ने झारखंड लोकायुक्त कार्यालय को आवेदन देकर विभिन्न मुद्दों पर जांच की मांग की थी.

लोकायुक्त को दिये गये पत्र में उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान अंजु राय व बच्चे की मौत समेत कई मुद्दों पर जांच की मांग की थी. उन्होंने देवघर जिले में वर्षों से कार्यरत डॉक्टरों की जांच कर सूची भी मांगी थी. लोकायुक्त के आदेश पर गिरिडीह के सिविल सर्जन डॉ रामरेखा प्रसाद तथा देवघर सिविल सर्जन डॉ कृष्ण कुमार ने 15 दिसंबर 2018 को ही जांच कर रिपोर्ट सौंपी थी.

हालांकि, जांच के बाद परिवाद दायर करने वाले अभय कुमार सिंह को भी उपस्थित रहने को कहा गया था. लेकिन, वह उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद जांच अधिकारियों ने 22 मामलों की जांच कर रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंप दी है. बताया जाता है कि कई बार महीने दो महीने के लिए दूसरे जिले में पोस्टिंग कराकर दोबारा देवघर में पोस्टिंग करा लेते हैं.

जांच में स्वास्थ्य विभाग देवघर में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी के सेवा इतिहास के अवलोकन में पाया कि देवघर के पांच डॉक्टर ने तो अपनी सेवा अवधि के 25 साल देवघर में ही बीता दिये हैं.

कहते हैं स्वास्थ्य सचिव
ऐसा कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है, यदि कोई ऐसा मामला है. मेरे संज्ञान में आता है, तो जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, स्वास्थ्य सचिव, झारखंड सरकार

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