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हर चौक पर चल रहे बुचड़खाने सिर्फ 13 ने ही लिया लाइसेंस
देवघर : जिले में सैकड़ों बुचड़खाने से रोजाना बकरों व मुर्गा का मांस बेचा जा रहा है, लेकिन इसमें से मात्र 13 लोगों ने ही लाइसेंस लिया है. स्वास्थ्य विभाग से 2016 से अबतक 13 बुचड़खानों को ही लाइसेंस दिया गया है. ऐसे में अवैध रूप से चल रहे बुचड़खाने नियमों की अनदेखी करने के […]
देवघर : जिले में सैकड़ों बुचड़खाने से रोजाना बकरों व मुर्गा का मांस बेचा जा रहा है, लेकिन इसमें से मात्र 13 लोगों ने ही लाइसेंस लिया है. स्वास्थ्य विभाग से 2016 से अबतक 13 बुचड़खानों को ही लाइसेंस दिया गया है. ऐसे में अवैध रूप से चल रहे बुचड़खाने नियमों की अनदेखी करने के साथ सरकार को राजस्व का भी चुना लगा रहे हैं.
इसके प्रति स्वास्थ्य विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है. कई जगहों पर बुचड़खाना तो स्कूल के समीप ही खोल दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में अबतक 189 लोगों ने लाइसेंस लिया है, जिसमें महज 13 लोगों ने बकरे व मुर्गा काटने का लाइसेंस है. इसमें 11 को बकरे तथा दो को मुर्गा काटने का लाइसेंस दिया गया है. बाकी के पास होटल व ढाबा का लाइसेंस है.
शहर के चौक- चौराहों सहित हाट बाजार, सब्जी मार्केट आदि जगहों पर लोगों द्वारा बकरे व मुर्गियों को काट कर मांस बेचा जा रहा है. जानकारी के अनुसार, पूर्व में यह रजिस्ट्रेशन पशुपालन विभाग, नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता था. इसके बाद विभाग ने नगर निगम को हटा दिया है. जानकारी के अनुसार, पुन: जिला प्रशासन ने पत्र जारी कर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत अनुमंडलाधिकारी को कार्यभार सौंपा है.
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