दुमका: नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी की संताल परगना जोनल कमिटी के प्रवक्ता सोनोत जी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पुलिस ने 24 अप्रैल को शिकारीपाड़ा के राजबांध में हुई घटना को लेकर जिन तीन पुरुष व एक महिला को माओवादी बताकर गिरफ्तार किया है, वे सभी निर्दोष हैं.
सोनोत ने गिरफ्तार किये गये सभी की बिना शर्त रिहा करने की अपील की है. घटना के दो सप्ताह बाद 6 मई की तिथि से यह विज्ञप्ति जारी की गयी है.इस विज्ञप्ति में सोनोत ने पुलिस प्रशासन द्वारा कथित तौर पर चलाये जा रहे दमन-अत्याचार और गिरफ्तारी के खिलाफ प्रतिवाद व प्रतिरोध करने का भी आह्वान किया है.
सरेंडर करते, तो नहीं मारते : नक्सली प्रवक्ता सोनोत ने माओवादी संगठन की नीति का खुलासा करते हुए कहा है कि पुलिसकर्मी अगर सरेंडर कर दें, तो उन्हें जान से नहीं मारने की हमारी नीति है. संगठन के पीएलजीए ने इस नीति का पालन किया है.
तीन लोगों के मारे जाने का जताया अफसोस : विज्ञप्ति में कहा गया है कि पीएलजीए ने अपने कायदे-कौशल से संघर्ष कर पुलिस को पस्त करते हुए तथा खुद के बिना नुकसान के पुलिस के हथियार, मैगजीन और गोलियों को जब्त कर पाने में तथा पांच पुलिसकर्मियों को मार गिराकर व पांच को घायल कर के ही अपने उद्देश्यों को हासिल कर पाये थे. एक खलासी व दो मतदानकर्मियों के मारे जाने तथा छह मतदानकर्मी के घायल होने पर माओवादी संगठन ने अफसोस जताया है.
मतदानकर्मी को मारना नहीं था उद्देश्य
नक्सली प्रवक्ता सोनोत ने कहा है कि मतदानकर्मियों को मारना उनका कोई उद्देश्य नहीं था. मारे गये और घायल होने की इस घटना के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेवार बताया गया है. कहा है कि चुनाव के पहले ही बैनर-पोस्टरों के जरिये अपील की गयी थी कि पोलिंग पार्टी या मतदानकर्मी पुलिस के साथ न आयें.