देवघर : नगर निगम ने बकाया टैक्स को लेकर शहर के आधा दर्जन होटलों को डिमांड नोटिस भेजा था. सभी को टैक्स जमा नहीं करने पर खाता फ्रिज करने की चेतावनी दी है. मारवाड़ी कांवर संघ को भी होटल का दर्जा दिया है. उसी आधार पर टैक्स का निर्धारण किया गया है. इसमें अधिकांश होटल संचालकों ने निगम जाकर मामला सलटा लिया है, जबकि मारवाड़ी कांवर संघ अपने को धर्मशाला मान रही है. उसने होटल मानने से इन्कार करते हुए टैक्स देने में असमर्थता जतायी है.
इससे नगर निगम प्रशासन सक्रिय हो गया है तथा कांवर संघ पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है. इस संबंध में नगर निगम के टैक्स दारोगा जय शंकर साह ने बताया कि मारवाड़ी कांवर संघ का जवाब आया है. इससे निगम संतुष्ट नहीं है. उसे हाइकोर्ट ने ही एक केस में धर्मशाला घोषित किया है. इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है. धर्मशाला के बाहर भी सालों भर होटल चलता है. होटल संचालक से किराया वसूलता है. श्रावणी मेला में भी धर्मशाला के अंदर होटल चलता है. हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में ही निगम ने टैक्स तय किया है. टैक्स में कमी करने की कोई गुंजाइश नहीं है.