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दो दिनों से भूखी मिली बीमार बेटी, नहीं था अनाज
देवघर : आठ माह पूर्व मोहनपुर प्रखंड के भगवानपुर गांव में रूपलाल मरांडी की मौत की जांच में पांच सदस्यीय समिति दो दिवसीय दौरे पर देवघर पहुंची. समिति के संयोजक सह सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार बलराम समेत टीम के सदस्य जब रूपलाल के यहां पहुंचे तो घर की हालत देख वे दंग रह गये. रूपलाल […]
देवघर : आठ माह पूर्व मोहनपुर प्रखंड के भगवानपुर गांव में रूपलाल मरांडी की मौत की जांच में पांच सदस्यीय समिति दो दिवसीय दौरे पर देवघर पहुंची. समिति के संयोजक सह सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार बलराम समेत टीम के सदस्य जब रूपलाल के यहां पहुंचे तो घर की हालत देख वे दंग रह गये. रूपलाल लाल की बेटी मनोदी मरांडी पांच दिनों से बीमार पड़ी मिली. अनाज व पैसे नहीं रहने के कारण उसने दो दिनों से कुछ भी नहीं खाया था. वह पांच दिनों से बीमार पड़ी है. उसके पास इलाज कराने के भी पैसे नहीं हैं. टीम के निर्देश पर बीडीओ अशोक कुमार ने मनोदी को खाने के लिए किराना दुकान से सत्तू-मूढ़ी व चुड़ा की व्यवस्था की.
जांच टीम ने इलाज के लिए पहुंचाया सीएचसी : मनोदी को बीमार हालत में देख जांच टीम में शामिल डॉ सुरजीन प्रसाद ने उसे इलाज के लिए मोहनपुर सीएचसी पहुंचाया. टीम ने गांव की सहिया, आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका को बुलाया. लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी कोई नहीं पहुंची. इस पर टीम ने नाराजगी जतायी
सीएचसी की लचर व्यवस्था देख भड़की टीम : मोहनपुर सीएचसी की लचर व्यवस्था देख टीम ने नाराजगी व्यक्त की. गंभीरता से लेते हुए टीम शुक्रवार को सिविल सर्जन से मिलकर उसकी शिकायत करेगी.
ग्रामीणों को भी संवेदनशील होना जरूरी: टीम ने कहा कि रूपलाल की मौत हो गयी. अगर आसपास के ग्रामीण उसके प्रति सहानुभूति दिखाते हुए मदद को आगे बढ़ते तो शायद ऐसी घटना नहीं होती. प्रशासन को भी अगर सूचना दी गयी होती तो रूपलाल को समय पर सुविधाओं का लाभ मिल गया होता. टीम ने कहा कि एेसी घटनाओं में ग्रामीणों को संवेदनशील होने की जरूरत है. टीम लीडर बलराम के अलावा सदस्य नेशनल रूरल हेल्थ, रांची नामकुम के डॉक्टर सूरजीन प्रसाद, भोजन का अधिकार, झारखंड के सदस्य अशर्फी नंदन प्रसाद, राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के राकेश कुमार सिंह, महिला बाल विकास सुरक्षा परिषद की उपसचिव लालू कच्छप, बीडीओ अशोक कुमार, सीओ राकेश तिवारीए, जेएसएस अरविंद सिंह आदि थे.
गांव का सुकदेव मरांडी तीन माह से था बीमार, टीम की पहल पर हुआ इलाज
गुरुवार को टीम ने जांच के दौरान गांव में ही रूपलाल मरांडी के घर के बिल्कुल समीप सुकदेव मरांडी नामक बुजुर्ग की जानकारी मिली. ग्रामीणों ने बताया कि बुजुर्ग भी तीन महीने से बीमार पड़े हैं. उनके पास भी इलाज के पैसे नहीं हैं. टीम बुजुर्ग सुकदेव को इलाज के लिए चिकित्सक के पास ले गयी. उसके घर में खाने-पीने के लिए रसोई घर की जांच की. घर में एक किलो आलू व कुछ चावल मिला. उनकी पतोहू सरिता सोरेन ने बताया की घर में छह सदस्य हैं. उसके पति मजदूरी कर घर चलाते हैं. जिस कारण घरवालों का सही तरीके से भरण-पोषण नहीं हो पाता है. ऐसे में इलाज कैसे हो सकेगा. टीम ने बीडीओ अशोक कुमार को सीएचसी से एंबुलेंस बुलाकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया. हालांकि टीम के निर्देश पर एक घंटे बाद एंबुलेंस भगवानपुर पहुंची और बीमार सुकदेव को पड़ोसी रिटायर्ड शिक्षक के सहयोग से मोहनपुर सीएचसी पहुंचाया गया. जहां से देर शाम सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
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