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अब संतालपरगना के खिलाड़ी बनेंगे दक्ष एथलेटिक्स व हॉकी का मिलेगा प्रशिक्षण

देवघर : 22 एकड़ जमीन पर 20 करोड़ की लागत से पर्यटन, कला, सांस्कृतिक, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की आेर से बनाये गये आकर्षक व सभी सुविधाओं से युक्त कुमैठा मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स काे गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने रविवार को विधायक नारायण दास की मौजूदगी में जनता को समर्पित किया. कॉम्प्लेक्स का उदघाटन […]

देवघर : 22 एकड़ जमीन पर 20 करोड़ की लागत से पर्यटन, कला, सांस्कृतिक, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग की आेर से बनाये गये आकर्षक व सभी सुविधाओं से युक्त कुमैठा मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स काे गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने रविवार को विधायक नारायण दास की मौजूदगी में जनता को समर्पित किया. कॉम्प्लेक्स का उदघाटन मास्को अोलिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम के सदस्य रहे सिल्वानुस डुंगडुंग व अोलिंपियन मनोहर टोप्पो ने फीता काट कर किया.
हालांकि उद्घाटन समारोह में प्रशासन के कोई भी अधिकारी थे. उद्घाटन के अवसर पर सांसद ने अपने संबोधन में कहा : एक लंबी प्रक्रिया के बाद संताल परगना के खिलाड़ियों को और दक्ष बनाने के उद्देश्य से इस कॉम्प्लेक्स का निर्माण तो हो गया. मगर इसके संचालन के लिए केंद्र व राज्य सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन को एक प्लेटफार्म पर आना पड़ेगा.
स्थानीय बुद्धिजीवियों की एक कमेटी बनाकर इसकी उपयोगिता का लाभ उठा सकेंगे. रीजनल स्पोर्ट्स सेंटर के तौर पर इसका संचालन किया जा सकता है. शहर के प्रतिष्ठित व नामचीन विद्यालयों के छात्रों का कॉम्प्लेक्स का भ्रमण कराया जाना चाहिये. जहां वो क्रिकेट छोड़कर अन्य सारे खेल-बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बास्केटबॉल व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद उठा सकते हैं. जल्द ही यहां हॉकी की ट्रेनिंग भी दी जायेगी. इसके लिए हॉकी के प्रतिष्ठित खिलाड़ियों से वार्ता शुरू हुई है. भविष्य में यहां हॉकी खेलते लड़के नजर आयेंगे.
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स देवघरवासियों के लिए एक नया आयाम : विधायक
मौके पर विधायक नारायण दास ने कहा कि यह देवघरवासियों व खेलप्रेमियों के लिए एक खुशियों की सौगात होगी. कांप्लेक्स निर्माण के लिए सांसद की जितनी भी तारीफ की जाय कम है. ऐसी दर्जनों योजनाएं देवघरवासियों को सांसद के सौजन्य से मिली है, जिसका लाभ आने वाले दिनों में लोगों को मिलेगा. देवघर को परिभाषित करने के लिए बाबा बैद्यनाथ, रिखियापीठ, सत्संग, आरके मिशन आदि की उपमा दी जाती है, उसी प्रकार से देवघर की उपमा सांसद निशिकांत के रूप में दी जायेगी.
खेल परिसर का नजारा बेहतरीन : खेल प्रशिक्षक
रांची के बाद देवघर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के अंदर खेल परिसर को देखने का अवसर मिला. यह एक बेहतरीन स्पोर्ट्स कांप्लेक्स है. खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा. आने वाले दिनों में इस कांप्लेक्स परिसर से आवासीय केंद्र संचालित होगा. जल्द ही यहां स्पोर्ट्स डिप्टी डाइरेक्टर बैठेंगे. इसके लिए तीन मई को होने वाली बैठक में सारा कुछ क्लीयर हो जायेगा. संताल परगना क्षेत्र में स्पोर्ट्स के लिए कुमैठा हेडक्वार्टर बनेगा. इसके साथ ही कांप्लेक्स का अौर विस्तारीकरण भी होना है.
उदघाटन समारोह से जिला प्रशासन के अधिकारी रहे दूर
रविवार को कुमैठा स्पोर्ट्स कांप्लेकस के उदघाटन समारोह से जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी व अधिकांश खेल संघ के पदाधिकारी गायब नजर आये. जबकि देवघर डीसी जिला खेल प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, एसपी,डीडीसी व एसडीअो उसके उपाध्यक्ष हैं. डीडीसी, एसडीअो, डीएसअो, जियाडा के पदाधिकारी आदि सभी अच्छे खिलाड़ी हैं. बावजूद इस कार्यक्रम में सभी अधिकारी दूर रहे.
उदघाटन समारोह में मौजूद थे : उदघाटन समारोह में सांसद-विधायक के अलावा डीएसए के महासचिव युधिष्ठिर प्रसाद राय, प्रभात खबर के स्थानीय संपादक संजय मिश्र, डीएसए के जवाहर सिंह, प्रो रामनंदन सिंह, रामसेवक गुंजन, आरसी सिन्हा, भवन निर्माण विभाग के इई एनडी दास आदि मौजूद थे.
कुमैठा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनने की कहानी सांसद निशिकांत दुबे की जुबानी
कुमैठा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के उदघाटन मौके पर सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने सवाल उठाते हुए कहा कि इसका उद्घाटन आखिर किसे करना चाहिए. इस सवाल के बाद उन्होंने कुमैठा निर्माण से जुड़ी दिलचस्प बातों व नौ सालों तक इसके निर्माण के इर्द-गिर्द घुमती राजनीति को बयां किया.
उन्होंने कहा: 26 अप्रैल की रात देवघर डीसी ने फोन कर बताया कि सीएम ने कहा है कि वो इसका उदघाटन नहीं करेंगे. वो मोमेंटम झारखंड पर अपना फोकस करना चाहते हैं. आप 27 को उदघाटन कर लें. मैंनें डीसी से कहा कि 27 को नहीं 29 को उदघाटन करूंगा. इसके बाद कल रात तक उद्घाटन को लेकर उहापोह की स्थिति थी.
आज यह बात जानी चाहिए कि इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किसको करना चाहिए. वर्ष 2009 में मैं सांसद बना. सांसद चुने जाने के बाद 3 जून 2009 को मेरी मुलाकात तत्कालीन योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया से हुई. 2 जून 2014 को मैनें दो पत्र लिखा, एक पत्र था जिसमें गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में पानी की समस्या है, सिंचाई की पानी की बात छोड़िये, पीने का पानी नहीं है.
देवघर शहर स्थित बाबामंदिर के आसपास के हालात काफी बदहाल है. छोटनागपुर में थोड़ी बहुत स्पोर्ट्स फेसिलिटी है, मगर संतालपरगना में एक बढ़िया फुटबाल स्टेडियम तक नहीं है. यहां एक स्पोर्ट्स स्टेडियम होना चाहिये. इसी दो बातों को लेकर तीन जून को मोंटेक सिंह अहलुवालिया से मिला था. इस पर अहलुवालिया ने कहा : पानी बड़ा विषय है. हम स्पोर्टस कांप्लेक्स के लिए एसीए से 20 करोड़ के आसपास दे सकते हैं. वे जून 2009 में ही स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को देवघर के लिए सेंसक्शन कर दिया.
तत्कालीन डीसी मस्तराम मीणा के साथ जमीन ढूंढ़ना शुरू कर दिया. उसी दौरान जामताड़ा के एपीपी दिनेश सिंह ने बताया कि जसीडीह में बिजली विभाग ने 20 एकड़ जमीन ग्रिड के लिए अधिगृहीत किया था. डीसी व बिजली विभाग तक को यह पता नहीं था. जमीन ढूंढ़ने के क्रम में बिजली विभाग द्वारा अधिगृहीत जमीन का पता चला. जिस पर सुपर पावर ग्रिड बनना था. अब वो म्हारो चला गया. मगर जमीन के विषय में किसी को पता नहीं था. यह जमीन तय कर लिया. नि: शुल्क जमीन लेना था. इसके लिए लगभग नवंबर 2009 तक ढूंढ़ सका. 29 दिसंबर 2009 को शिबू सोरेन की सरकार बनी. उस सरकार के उपमुख्यमंत्री आज के मुख्यमंत्री हैं.
इसके पहले कैबिनेट में उसकी अलग कानून बनी. ये कहा गया आप यह समझ लिजिए कि कोई योजना लाना नहीं है. कैबिनेट ने फैसला ले लिया कि देवघर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स क्यों बनेगा. उपराजधानी तो दुमका है, इसलिए दुमका में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स जाने लगा. तत्कालीन पीएम से इस मसले को लेकर मिला अौर इस बात को रखा. मगर उधर से बहुत ज्यादा सकारात्मक चीजें नहीं दिखी तो पुन: योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया से मिले. उन्होंने पत्र भी लिखा अौर फोन पर मुख्य सचिव से कहा कि यह कांप्लेक्स देवघर के लिए है. तुम्हारी मर्जी नहीं है कि देवघर की जगह दुमका में बने. ऐसा होने पर मैं पैसा रोक दूंगा. चिट्ठी व पत्र के बाद राज्य कैबिनेट की दूसरी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दुमका में स्पोर्टस कांप्लेक्स में नहीं बनेगा, देवघर में ही बनेगा.
दुमका के लिए अलग से कॉम्प्लेक्स बनेगा. फिर शुरू हुआ योजना को धरातल पर उतारने का काम. मगर टेंडर की प्रक्रिया के लिए कोई आगे नहीं आ रहा था. इस बीच आइपीसी के जितेश राजपाल से मुलाकात हुई तो उन्होंने यह काम करने से कतराने लगे. काफी समझा-बुझाने के बाद फिर विभागीय सचिव व एजेंसी के बीच बातें करवाने के बाद रेट में मामला फंस रहा था. मगर स्वभाव के विपरीत जाकर निगोशियेशन के बाद काम चालू हुआ. मगर यह पता था कि 19-20 करोड़ में यह कांप्लेक्स नहीं बन सकता. इसमें कांट्रेक्टर को नुकसान उठाना पड़ा है.
सबकुछ होने के बाद जब उदघाटन का समय आया. तो इतनी सारी पेंच हो गया. ऐसे में 2018 में उदघाटन का दिन आया. तो देवघर के प्रबुद्ध जनों से यह पूछना चाहता हूं कि इसके उदघाटन करने का अधिकार किसको था अौर किसको मिला. मुझे लगता है बाबा ने ही सबको सहमति दी होगी कि उदघाटन आप ही कर लो. यहां सब उन्हीं की मर्जी से होता है.
आज मैं इसका उदघाटन कर रहा हूं. कार्यक्रम के दौरान गुंजन जी ने संबोधित करते हुए कहा कि खेल के पदाधिकारी को आवाज दे रहे थे. मगर वो नजर नहीं आये. जबकि इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट के लिए एक करोड़ रुपये मैनें दिया है. मैं वहां जिम में गया था. तो स्टेडियम देखने का मौका मिला. अनुभव किया जिससे इंडोर स्टेडियम व केके स्टेडियम संभलता नहीं. उपर से उन्हें यह स्पोर्ट्स कांप्लेक्स सौंप दूं. मगर मेरे जीते जी यह हो नहीं सकता.

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