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देवघर : फीसदी लोग जा रहे खुले में शौच
देवघर : मोहनपुर प्रखंड की 28 पंचायतों में करीब 35 हजार आवास हैं, जिनमें सिर्फ एक पंचायत नया चितकाठ में पूर्ण रूप से शौचालय का निर्माण पूरा हुआ है. वही 27 पंचायतों में निर्माण कार्य जारी है. मोहनपुर प्रखंड में पीएचइडी से 25 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था. 28 अप्रैल तक 20 हजार शौचालय […]
देवघर : मोहनपुर प्रखंड की 28 पंचायतों में करीब 35 हजार आवास हैं, जिनमें सिर्फ एक पंचायत नया चितकाठ में पूर्ण रूप से शौचालय का निर्माण पूरा हुआ है. वही 27 पंचायतों में निर्माण कार्य जारी है. मोहनपुर प्रखंड में पीएचइडी से 25 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य था. 28 अप्रैल तक 20 हजार शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हुआ है. पांच हजार शौचालय अब भी अधूरे हैं.
प्रखंड को पहले ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. पूर्व से बने सैकड़ों शौचालय जर्जर हो चुके हैं, जबकि कई नये बने शौचालयों का उपयोग नहीं हो रहा है. मोहनपुर में आज भी 70 प्रतिशत लोग खुले में शौच जा रहे हैं. वही मरीकडीह गांव के शौचालय को देख कर खुद ही अनुमान लगा सकते हैं कि गांव के लोग कैसे शौचालय में शौच करेंगे.
नये बने शौचालय में गोबर, लकड़ी व भूसा को रख दिया जा रहा है. मरीकडीह गांव की महिला संगीता देवी ने बताया कि एक साल पूर्व गांव में निर्मल भारत अभियान के तहत जल सहिया ने शौचालय का निर्माण अधूरा ही कर के छोड़ दिया, जो धीरे-धीरे बारिश में खत्म हो गया. उनके पास इतना पैसा ही नहीं है, जो शौचालय का निर्माण करा सकें. ज्ञानी देवी ने बताया कि एक साल पूर्व गांव में शौचालय का निर्माण कराया गया था. इसमें आज तक दरवाजा भी नहीं लगा. इसके कारण शौचालय खत्म हो गया.
बदलाडीह व लेड़वा में इक्का-दुक्का शौचालय
देवघर. देवघर प्रखंड के कोंकरीबांक पंचायत क्षेत्र के आदिवासी गांव बदलाडीह में शौचालय नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण आज भी जंगल व गड्ढे का सहारा ले रहे हैं. मुखिया से ग्रामीणों ने कई बार शौचालय की मांग की, लेकिन ग्रामीणों को शौचालय नहीं दिया गया है.
एक तरफ जिला प्रशासन की ओर से क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ बदलाडीह का हाल देख कर इस दावे पर हंसी आती है. ग्रामीण सीता हांसदा, सुकोदी हेंब्रम, बुधनी मरांडी, मालती मरांडी, जोबा किस्कू, फूलमणि मरांडी, बुधन मुर्मू, गोडे मुर्मू, गांजो मुर्मू समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के एक टोला लेड़वा भी है, जिसमें करीब ढाई सौ की आबादी है.
वहीं बदलाडीह में करीब 500 की जनसंख्या है. इसमें मात्र एक दो घर को ही शौचालय मिल पाया है. गांव के आसपास हमेशा गाड़ी चालकों और राहगीरों की भीड़ लगी रहती है. इससे महिलाओं को काफी परेशानी होती है. समस्या को लेकर महिलाओं की ओर से क्षेत्र के मुखिया और प्रखंड कार्यालय को भी अवगत कराया गया था, लेकिन पंचायत प्रतिनिधि और प्रखंड कर्मी की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है.
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