देवघर : डीपीसी की बैठक से पारित अनटायड फंड से ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली चापानलों में भारी गड़बड़ी की जा रही है. कई गांव में निर्धारित प्राक्कलन के अनुसार चापानलों की बोरिंग नहीं हो रही है. अधिकांश शिकायतें सारठ प्रखंड से आ रही है. सारठ की जिप सदस्य पुुष्पा देवी ने डीडीसी जन्मेजय ठाकुर से मिल कर निर्धारित प्राक्कलन के अनुसार ठेकेदारों द्वारा बोरिंग नहीं करने की शिकायत की है. जिप सदस्य की शिकायत पर डीडीसी ने पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
डीडीसी ने पूरे सारठ प्रखंड में एक-एक बोरिंग की जांच करने को कहा है. अगर प्राक्कलन से कम बोरिंग पायी गयी, तो भुगतान भी रोकने का निर्देश दिया है. हालांकि सारठ प्रखंड के बोरिंग की शिकायत के मामले को दबाने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा किया गया, लेकिन मामले में डीडीसी ने पीएचइडी को स्पष्ट रूप से जांच करने काे कह दिया है. अनटायड फंड से पूरे जिले में जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष समेत 13 जिप सदस्यों के क्षेत्र में कुल 325 चापानलों की बोरिंग हो रही है.
175 की जगह 120 फीट कर दी जाती है बोरिंग
चापानलों की बोरिंग से लेकर पूरे चापानल लगाने तक प्रति चापानल का प्राक्कलन 60 से 65 हजार रुपये है. इसमें प्रत्येक बोरिंग 170 से लेकर 175 फीट तक बोरिंग किया जाना है. लेकिन सारठ समेत कई जगहों से शिकायतें आ रही है कि विभागीय अनदेखी से महज 120 से 140 फीट तक ही बोरिंग कर खानापूर्ति कर दी जाती है. बोरिंग में केसिंग भी काफी कम व घटिया गुणवत्ता की लगायी जा रही है. पिछले दिनों जिला परिषद की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा. बैठक में शिकायतों पर जांच के बाद ही भुगतान का निर्णय लिया गया था.
जिप सदस्य की शिकायत पर पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को जांच करने के लिए कहा गया है. इस तरह की शिकायतें कही से भी आये तो संबंधित जिप सदस्य की उपस्थिति में जांच करना है. प्राक्कलन के अनुसार बोरिंग होनी चाहिए.
– जन्मेजय ठाकुर, डीडीसी, देवघर