मधुपुर: गिरिडीह-मधुपुर रेलखंड पर जल्द ही ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी. रेल प्रशासन ने साढ़े तीन दशक पुरानी रेल पटरी को बदलने का काम शुरू कर दिया है. फिलहाल मैनुअली स्लीपर बिछाने का काम किया जा रहा है, लेकिन बहुत जल्द इस काम के लिए पीक्यूआरएस मशीन लगायी जायेगी. ट्रैक बदलने में कुछ महीने लगेंगे.
इसके बाद इस रेलखंड पर ट्रेनों की स्पीड 75 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो जायेगी. फिलहाल इस रेलखंड की अधिकतम स्पीड 60 किलोमीटर तय है. इसमें भी 38 किलोमीटर तक इस रेलखंड पर एक दर्जन से अधिक जगह ट्रेनों को कॉशन पर चलाया जाता है. इसकी वजह से ट्रेनों की रफ्तार 20 से 30 किलोमीटर तक रह जाती है.
जानकारी के अनुसार 38 किलोमीटर तक इस रेलखंड पर रेलवे बोर्ड ने पहले चरण में 19 किलोमीटर रेल पटरी व स्लीपर बदलने की स्वीकृति दी है. यह काम पूरा होते ही अगले वित्तीय वर्ष में शेष ट्रैक बदलने के काम की भी स्वीकृति मिल जायेगी. फिलहाल मैनुअली काम होने से मजदूर एक दिन में 30 से 50 स्लीपर ही बदल पा रहे है. लेकिन पीक्यूआरएस मशीन आ जाने के बाद एक दिन में 400 मीटर का काम संभव हो सकेगा. इस काम को मार्च से पूर्व पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
बताया जाता है कि अभी मधुपुर-गिरिडीह रेलखंड पर जो रेलवे पटरी लगायी गयी है, वह जीएस ट्रैक है. अर्थात मुख्य रेलखंड से खोली गयी पटरी को दोबारा इस रेलखंड पर लगाया गया था. मुख्य रेलखंड से खोले जाने के बाद 20 वर्ष पूर्व यहां पटरी लगायी गयी थी. अभी मधुपुर से गिरिडीह की ओर नौ किलोमीटर तक का लाइन पर काम प्रारंभ किया गया है. इसकी पुष्टि रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने भी की है.