इससे देशभर में जिले की छवि धूमिल हो रही है. इस पर रोक लगाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों सहित सीमकार्ड विक्रेताओं व बैंक कर्मियों के बीच आपसी समन्वय आवश्यक है. साइबर अपराध को अंजाम देने में आरोपित दूसरे के नाम के सीमकार्ड व दूसरे के एकाउंट का गलत इस्तेमाल करते हैं. एसपी ने कहा कि सभी अपने-अपने स्तर से लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक करें.
बैंकों में साइबर अपराध से संबंधित पर्चे आदि जागरूकता के लिए लगायें. साइबर आरोपित गरीबों के जनधन एकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे मामले सामने आयें तो बैंकर्स पुलिस की मदद लें. अगर सामान्य एकाउंट में अधिक राशि का ट्रांजेक्शन हो तो तत्काल वैसे एकाउंट को फ्रीज कर दें. एकाउंट फ्रीज होने के बाद अगर कोई जानकारी लेने बैंक पहुंचे तो उसे बैठा कर पुलिस को सूचित करें. एटीएम काउंटर के आसपास कोई संदिग्ध मंडराये व कुछ करे, तो बैंक शीघ्र उसकी सीसीटीवी फुटेज पुलिस को उपलब्ध कराएं. बैंकों में शीघ्र विजिटर पंजी की व्यवस्था करें ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रहे. पश्चिम बंगाल व बिहार के एक्टिवेट सीमकार्ड कतिपय रिटेलर द्वारा यहां बिक्री किये जाने की सूचना है. ऐसा करने वाले अगर पकड़े जाते हैं तो बाद में कठोर कार्रवाई होगी. बैठक में साइबर डीएसपी अजय कुमार सिन्हा, एसडीपीओ दीपक कुमार पांडेय, लीड बैंक प्रबंधक आरएसपी सिन्हा, नगर थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर विनोद कुमार के अलावा विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधि, सभी बैंकों के अधिकारी व कई सीमकार्ड विक्रेता भी मौजूद थे.