सारवां/सोनारायठाढ़ी : सूर्योपासना का महान चार दिवसीय पर्व छठ आज नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. पहले दिन लोग अपने घर आंगन की सफाई के साथ स्नान के बाद व्रत का शुभारंभ कदुआ भात से करेंगे. दूसरे दिन छठ व्रती शाम को खरना कर भगवान भास्कर को आमंत्रण देंगे. तीसरे दिन संध्या को डूबते सूर्य को […]
सारवां/सोनारायठाढ़ी : सूर्योपासना का महान चार दिवसीय पर्व छठ आज नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. पहले दिन लोग अपने घर आंगन की सफाई के साथ स्नान के बाद व्रत का शुभारंभ कदुआ भात से करेंगे. दूसरे दिन छठ व्रती शाम को खरना कर भगवान भास्कर को आमंत्रण देंगे. तीसरे दिन संध्या को डूबते सूर्य को अर्घ प्रदान करेंगे. चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ देने के बाद व्रत का पारन करेंगे. कहा जता है कि सर्वप्रथम इस व्रत को महाभारत काल में सूर्य पुत्र कर्ण ने किया था.
उसके बाद पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने इसे कर भगवान से अक्षय बटलोई प्राप्त की थी. कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब जब कुष्ट रोग से ग्रसित हो गये थे, तो उन्होंने छठ व्रत कर रोग से निजात पाई थी. मान्यता है कि छठ व्रत से भगवान भुवन भास्कर परिवार को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. वहीं सोनारायठाढ़ी प्रतिनिधि के अनुसार सूर्य उपासना का महापर्व छठ प्रखंड क्षेत्र के लोग काफी धूम धाम के साथ मनाते हैं.
दीपावली की समाप्ति के बाद से ही लोग छठ के त्योहार की तैयारी में लग जाते हैं. छठ गीतों से पूरे प्रखंड क्षेत्र का माहौल भक्तिमय होने लगा है. लोग सामान की खरीदारी में लगे हैं. प्रखंड के नकटी, सोनारायठाढ़ी,धनवै,आमगाछी समेत कई स्थानों पर माहौल भक्तिमय हो गया है. इस महापर्व पर लोग अपने घर पहुुंचकर अपनों के साथ मिल कर भक्ति पूर्वक त्योहार को मनाते हैं.
पालोजोरी/सारठ बाजार : लोक आस्था का महापर्व छठ आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है. पालोजोरी के विभिन्न गांवों में छठ पूजा समिति के सदस्य छठ घाटों की सफाई में जुट गये हैं. पालोजोरी छठ पूजा समिति के सदस्यों ने श्मशान काली छठ घाट की सफाई सोमवार से शुरू की है. घाट के दोनों ओर लोगों ने जोरिया में जमा कूड़े-कचरे को साफ किया. वहीं बेनीडीह, कड़रासाल, चौधरीनवाडीह, ठेंगाडीह, बगदाहा, खागा, सरसा, विशनपुर, उपरबंधा सहित कई अन्य गांवों के छठ व्रतियों ने घाटों की सफाई करनी शुरू कर दी है. छठ में स्वच्छता व शुचिता का विशेष ध्यान रखा जाता है. छठ को लेकर सोमवार को पालोजोरी हटिया में सूप व डलिया की जम कर खरीदारी हुई. लोग बांस व सूप की डलिया की खरीदारी करते दिखे. छठ के अवसर पर क्षेत्र के मोहली समुदाय के लोगों द्वारा तैयार सूप की मांग काफी ज्यादा रहती है. छठ पर्व में नहाय-खाय को कद्दू भात खाने की परंपरा रहने कारण अमूमन आम दिनों में 10 से 15 रूपये में बिकने वाले कद्दू की कीमत में काफी उछाल देखा गया. सोमवार को पालोजोरी हटिया में 40 से 60 रुपये की दर से कद्दू की बिक्री हुई. हटिया में कद्दू की आमद भी काफी कम रही. वहीं सारठ बाजार प्रतिनिधि के अनुसार. आस्था का महापर्व भगवान भास्कर की पूजा छठ आज नहाय खाय के साथ प्रारंभ होगी. प्रखंड के विभिन्न गांवों में हर्षो-उल्लास के साथ विधि-विधान पूर्वक छठ पर्व मनाया जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में प्रथम दिन नहाय खाय की परंपरा है. नहाय हाय के दिन व्रती तालाब या नदी में स्नान कर कद्दू-भात खाते हैं. वहीं दूसरे दिन खरना का आयोजन होता है. इसमें व्रती खुद लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाते हैं. इसमें 36 घंटों तक व्रती बिना कुछ खाये छठ माता की आराधना करते हैं. उपवास के दौरान शुद्धता व पवित्रता का विशेष ख्याल रखा जाता है. तीसरे दिन संध्या को डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्घ दिया जाता है. इस दौरान छठ घाट पर फल-फूल और पकवान चढ़ा कर पूजा करते हैं. चौथा दिन प्रात: काल में उगते हुए सूर्य की उपासना करते हुए अर्घ अर्पित किया जाता है.