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कहर: हथियारा के ग्रामीणों ने रेलवे लाइन पर गुजारी रात, बाढ़ से फसल को भारी क्षति

जसीडीह: नावाडीह पंचायत के हथियारा गांव में मंगलवार की रात भारी बारिश के कारण अजय नदी की बाढ़ का पानी गांव में घुस गया. जिससे गांव में अफरातफरी का माहौल बन गया. ग्रामीणों ने घर से निकलकर गांव के समीप हावड़ा-नयी दिल्ली मुख्य रेलवे लाइन पर जाकर रात गुजारी. फसल पूरी तरह से बर्बाद हो […]

जसीडीह: नावाडीह पंचायत के हथियारा गांव में मंगलवार की रात भारी बारिश के कारण अजय नदी की बाढ़ का पानी गांव में घुस गया. जिससे गांव में अफरातफरी का माहौल बन गया. ग्रामीणों ने घर से निकलकर गांव के समीप हावड़ा-नयी दिल्ली मुख्य रेलवे लाइन पर जाकर रात गुजारी. फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी. ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार की शाम करीब छह बजे नदी नहीं भरा था.

रात करीब 08:30 बजे नदी में पानी भर गया. रात करीब दस बजे देखते ही देखते गांव के दक्षिणी व पूर्वी छोर से पानी गांव में भर गाया. ग्रामीणों ने बारिश में ही छाता लेकर आनन- फानन में अपने- अपने घरों में ताला लगाया और अपने बच्चों के साथ लागटेन, ढिबरी व मोमबत्ती लेकर भागते हुए रेलवे लाइन पर चले गये. ग्रामीणों ने इसकी जानकारी जसीडीह थाना, देवघर प्रखंड के बीडीओ व सीओ की दी.

साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जिला परिषद सदस्य व मुखिया को दी. सूचना मिलने के बाद जसीडीह थाने की पुलिस पहुंची लेकिन गांव तक नहीं पुहंच सकी. इस दौरान ग्रामीण रामप्रसाद कापरी, जयदेव कानती, छत्तीस महतो, परमेश्वर यादव, राजू यादव, बासुदेव कापरी, परमेश्वर कापरी, संजू देवी, अनिता देवी, उषा देवी ने बताया कि गांव में पानी घुसने से गांव में लगी धान, सब्जी व घर में रखे समान काफी बर्बाद हो गया है. उन्होंने कहा कि रात करीब तीन बजे पानी गांव से निकलने के बाद सभी वापस घर आये, इस दौरान कोई भी हमारी मदद के लिए सामने नहीं आया. रात 10 बजे से सुबह के तीन बजे तक रेलवे लाइन पर बच्चों के साथ अंधेरे में बिताये.
नदी में तटबंध होता तो गांव में नहीं घुसता पानी : ग्रामीणों ने बताया कि नदी के दक्षिणी भाग के सिल्ला मंडा धर्मिक स्थल से अस्मान घाट तक महज तीन सौ मीटर की दूरी है. यदि यहां जिला प्रशासन की ओर से तटबंध बना दिया जाये तो गांव में पानी नहीं घुसता. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगायी है, लेकिन अब तक नहीं किया जा सका है, उन्होंने बताया कि इसके पहले भी गांव में 1963 और 95 में इससे भी भयानक बाढ़ तटबंध नहीं होने के कारण गांव में आयी थी. आजादी के 70 साल बाद भी गांव में जाने के लिए सड़क नहीं बन पायी है. ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए विभाग से आग्रह किया लेकिन आज तक गांव में सड़क नहीं बन पायी है. गांव जाने के लिए रेलवे लाइन से सटे महज दो फिट की पगडंडी है, जिससे आज भी ग्रामीण आवागमन करते है.
जरुआडीह में बारिश से घर गिरा
देवघर. लगातार बारिश होने की वजह से मोहनपुर थाना क्षेत्र सरासनी पंचायत अंतर्गत जरुआडीह गांव में रामदेव महतो का घर ध्वस्त हो गया. इससे घर के लोग दो कमरे में ही सभी लोग रहने व खाना तक बनाने को विवश है. वहीं जानवरों को खुले आसमान के नीचे रखने को विवश हैं. इस संबंध में रामदेव ने बताया कि लगातार बारिश की वजह से पूर्वजों के द्वारा बनाया गया घर बारिश में पूरी तरह ध्वस्त हो गया. जिला प्रशासन की ओर अबतक किसी ने संपर्क नहीं किया है. घर गिरने से करीब 60-70 हजार का नुकसान हुआ है.
बारिश में गिरा घर, घर में घुसा नाला का पानी
प्रखंड के टाभाघाट मोमीन टोला में मंगलवार को हुई बारिश के दौरान मो सबीर का घर गिर गया. इससे घर में रखे सामान क्षतिग्रस्त हो गये. इस संबंध में वार्ड सदस्य जहीर अंसारी ने बताया कि बारिश के दौरान अचानक घर ध्वस्त हो गया. इस दौरान घर के सभी सदस्य भाग कर जान बचायी. इधर, जसीडीह सिनेमा हॉल के समीप नाले की सफाई नहीं होने से नाला का पानी कई घरों में घुस गया.

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