देवघर : कोटपा लागू होने के बाद भी देवघर में खुलेआम सार्वजनिक स्थलों पर गुटखा-सिगरेट बिक रहे हैं. यहां तक कि छोटी-छोटी गुमटियों व दुकानों में बालक-किशोर गुटखा, सिगरेट बेचते और खरीदते भी देखे जा सकते हैं. खासकर अस्पताल, शिक्षण संस्थानों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर तो कोटपा की धज्जियां उड़ रही हैं. जिला स्तर […]
देवघर : कोटपा लागू होने के बाद भी देवघर में खुलेआम सार्वजनिक स्थलों पर गुटखा-सिगरेट बिक रहे हैं. यहां तक कि छोटी-छोटी गुमटियों व दुकानों में बालक-किशोर गुटखा, सिगरेट बेचते और खरीदते भी देखे जा सकते हैं. खासकर अस्पताल, शिक्षण संस्थानों व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर तो कोटपा की धज्जियां उड़ रही हैं.
जिला स्तर पर कोटपा के नोडल पदाधिकारी एसीएमओ को बनाया गया है. किंतु एसीएमओ के स्तर से जागरुकता को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. तंबाकू उत्पादों की बिक्री वाले स्थानों पर कोई होर्डिंग, बोर्ड भी अब तक नहीं लगाये गये हैं. पूछे जाने पर एसीएमओ सह सिविल सर्जन डॉ एससी झा ने कहा कि अब उन्हें गाइड लाइन प्राप्त हुई है. बोर्ड, होर्डिंग बनाने के आर्डर दिये गये हैं. बनकर आयेगा तो लगवाया जायेगा.
कोटपा का देवघर में खुलेआम हो रहा उल्लंघन
क्या है नियम
नेशनल टोबैको केरोल प्रोग्राम (एनटीसीपी) के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ ललित रंजन पाठक ने बताया कि कोटपा 2003 की धारा-4 में जिक्र है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल जैसे सिनेमा हॉल, आवासीय इलाका, प्राइवेट व सरकारी कार्यालयों पर धूम्रपान वर्जित है. उल्लंघन करने पर 200 रुपये दंड वसूली की जा सकती है. धारा-5 में किसी भी तरह के तंबाकू उत्पाद का प्रचार नहीं होना चाहिये. कहीं-कहीं उत्पाद के बगैर नाम के बने डिजाइन से भी प्रचार नहीं करना है. धारा-6ए में 18 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा व बच्चों को तंबाकू उत्पाद नहीं बेचना है. धारा-6बी के तहत स्कूल से 100 गज के दायरे में किसी तंबाकू उत्पाद की बिक्री नहीं होनी है. धारा-7 के तहत किसी तंबाकू उत्पाद की पैकेजिंग पर चित्र या चेतावनी अंकित होनी चाहिये. डॉ पाठक ने बताया कि कई जिलों में छापामार दस्ते हैं. कोटपा के दायरे में देवघर जिला आ चुका है.
तैयारी चल रही है, बहुत जल्द छापामार दस्ते के माध्यम से कार्रवाई करायी जायेगी.