देवघर: जिला परिषद की बैठक में 3.72 करोड़ की योजना पर सहमति बनायी गयी. गाइड लाइन के अनुसार इस राशि से जिला परिषद सदस्य एलइडी स्ट्रीट लाइट व पेयजलापूर्ति योजना की सूची देंगे. बैठक में निर्णय लिया गया कि योजनाओं की सूची 25 सितंबर की विशेष बैठक में सभी 25 सदस्यों दे देंगे, जिसे विधिवत पारित कर दिया जायेगा. एलइडी स्ट्रीट लाइट ज्रेडा से एप्रुव कंपनी का ही होगा, इसके जिला अभियंता को दर निर्धारण का निर्देश दिया गया है.
प्रत्येक जिप सदस्य करीब 15 लाख रुपये तक की लाइट की सूची व स्थल पंचायतवार तैयार कर देंगे, ताकि दीवाली से पहले लाइट लगा दिया जा सके. सोमवार को जिले के 10 प्रखंडों के प्रमुख बैठक का बहिष्कार करते हुए बैठक में शामिल नहीं हुए, सभी प्रमुखों ने पारित योजना को पंचायतीराज की एक इकाई की अवहेलना बताया है.
बैठक में कई विभाग के पदाधिकारी के स्थान पर उनके अधीनस्थ पदाधिकारी आये थे, इस पर संबंधित पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछते हुए उन्हें अगली बैठक में अनिवार्य रूप से भाग लेने का निर्देश दिया गया. इस दौरान डीडीसी जन्मेजय ठाकुर ने निर्देश दिया कि कोई भी विभाग के पदाधिकारी किसी शिकायत पर जांच करने स्थल पर जाते हैं तो इसकी सूचना संबंधित जिप सदस्यों को अवश्य देंगे. बैठक में जिप सदस्य इमरान अंसारी ने कहा कि मधुपुर अनुमंडल अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर को देवघर अनुमंडल क्षेत्र में शहर से नजदीक पदस्थापित कर दिया गया है, उनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर पुन: वापस भेजा जाये.
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाने पर सहमति बनी है. प्रमुखों का आरोप निराधार है. सरकार की गाइड लाइन में जिप में प्रमुखों से योजना को प्राप्त करना उल्लेख नहीं है. वैसे प्रमुख सूची देते हैं, तो उसे बैठक में रखा जायेगा. देवघर बीडीओ ने जो आरोप लगाया है, उसकी तकनीकी जांच करायी जाये. जांच में अगर आरोप सही नहीं मिला तो बीडीओ पर मानहानी का मुकदमा करेंगे.
– संतोष पासवान, उपाध्यक्ष, जिप, देवघर
अंदर की बात : उपाध्यक्ष व बीडीओ के विवाद के मामले में हुई जम कर बहस
बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिप उपाध्यक्ष संतोष पासवान व देवघर बीडीओ रजनीश कुमार के बीच हुए विवाद पर जिप सदस्य बलवीर राय, महेंद्र यादव समेत कई सदस्यों ने बीडीओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग उठायी. इस मांग को लेकर काफी देर तक बहस व नोक-झोंक होती रही. साथ ही कई सदस्य जिप उपाध्यक्ष को बॉडीगार्ड मुहैया कराने के प्रस्ताव पर अड़े थे, लेकिन डीडीसी ने निंदा प्रस्ताव व बॉडीगार्ड की मांग के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस सदन में ऐसा प्रस्ताव लेने का प्रावधान नहीं है, इसमें विकास संबंधित निर्णय ही ले सकते हैं. वैसे भी विवाद का मामला पुलिस के पास है. बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह समेत अन्य पदाधिकारी थे.
कहते हैं प्रमुख
पंचायती राज एक्ट में प्रमुखों को जिला परिषद का पदेन सदस्य बनाया गया है. जिला परिषद को कोई भी निर्णय प्रमुखों काे विश्वास में लेकर करना चाहिए. केवल जिप सदस्य से योजनाओं की सूची लेना पंचायतीराज एक्ट की अवहेलना है. इस मनमानी की वजह से सभी प्रमुखों ने बैठक का बहिष्कार किया है. जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को जिले के संपूर्ण विकास पर विचार करना चाहिए, केवल पक्षपात करना उचित नहीं है. पंचायत समिति में केवल प्रमुख ही नहीं, बल्कि दो सौ से अधिक पंचायत समिति सदस्य हैं. इससे जनता को ही नुकसान होगा. इस निर्णय पर मिल कर आंदोलन करेंगे.
– यशोदा देवी, प्रमुख, देवीपुर