देवघर : विवाहिता से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाये गये राजेंद्र मुर्मू को दोषी पाकर सात साल की सश्रम सजा सुनायी गयी है. साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया. जुर्माना की राशि भुगतान नहीं करने पर […]
देवघर : विवाहिता से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाये गये राजेंद्र मुर्मू को दोषी पाकर सात साल की सश्रम सजा सुनायी गयी है. साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया. जुर्माना की राशि भुगतान नहीं करने पर अतिरिक्त छह माह की सजा भुगतनी होगी.
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जुर्माना की राशि पीड़िता को दी जायेगी. आरोपित देवीपुर थाना के बेलाटीकर गांव का है, जबकि पीड़िता भी इसकी गांव की रहने वाली है. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल सात लोगों की गवाही हुई थी व दोष सिद्ध करने में सफल हुए. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से वरीय एडवोकेट काशी प्रसाद यादव ने बहस किये.
18 मार्च 2017 को हुई थी घटना
देवीपुर थाना क्षेत्र के बेलाटीकर गांव में 18 मार्च 2017 को दुष्कर्म की घटना हुई थी. इस संबंध में पीड़िता ने देवीपुर थाना में कांड संख्या 39/2017 दर्ज कराया था. जिसमें गांव के राजेंद्र मुर्मू को आरोपित किया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार परिवादिनी घर में काम कर रही थी. उसके पति मजदूरी करने बाहर गये थे. आरोपित जबरन घर में प्रवेश किया व पूछा कि पति कहां है. पीड़िता ने कहा कि वह मजदूरी करने शहर गया है. उन्हें अकेला जान कर आरोपित ने दबोचा व दुष्कर्म किया
. विरोध करने पर गला दबा कर जान से मारने की धमकी दी. बाद में शोर मचायी तो गांव के लोगों आये व पंचायत बुलाकर मामला खत्म करने की बात कही. कहा है कि पीड़िता के पति ने पंचायत बुलायी तो आरोपित नहीं पहुंचा. पश्चात न्याय के लिए पीड़िता ने थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस ने मामले की जांच कर आरोप पत्र दाखिल किया व सेशन कोर्ट ट्रायल के लिए मामला भेजा गया जहां पर सेशन ट्रायल नंबर 104/2017 दर्ज कर सुनवाई की गयी व त्वरित फैसला सुनाया गया. इस मामले में महज 168 दिन में फैसला आया.