देवघर : जिले के सभी सरकारी हाइस्कूलों में शैक्षणिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए रेमिडियल क्लास (सुधारात्मक कक्षा) की शुरुआत की जायेगी. इसके तहत कक्षा आठवीं व नौवीं की वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर नौवीं व 10वीं के सभी छात्र-छात्राओं का शैक्षिक मूल्यांकन किया जायेगा. वैसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित किया जायेगा, जो कक्षा आठवीं […]
देवघर : जिले के सभी सरकारी हाइस्कूलों में शैक्षणिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए रेमिडियल क्लास (सुधारात्मक कक्षा) की शुरुआत की जायेगी. इसके तहत कक्षा आठवीं व नौवीं की वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर नौवीं व 10वीं के सभी छात्र-छात्राओं का शैक्षिक मूल्यांकन किया जायेगा. वैसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित किया जायेगा, जो कक्षा आठवीं व नौवीं की वार्षिक परीक्षा में किसी भी विषय में 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त किया हो.
साथ ही कक्षा नौवीं व 10वीं में मासिक टेस्ट के माध्यम से सभी छात्र-छात्राओं का अलग से एक प्रगति चार्ट तैयार किया जायेगा. इस आधार पर उन्हें रेमिडियल क्लासेस का लाभ दिया जायेगा. विभागीय निर्देश के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों को पत्र के माध्यम से आवश्यक निर्देश दिया गया है.
इसके लिए प्रगति चार्ट बनाया जायेगा, ताकि छात्र-छात्राओं का शैक्षिक मूल्यांकन किया जा सके. मासिक टेस्ट 15 सितंबर से दिसंबर 2017 तक लगातार प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में होगा. निर्धारित अवधि में कम से कम छह परीक्षा अथवा मूल्यांकन कार्य किया जायेगा. तीन माह के बाद जनवरी के द्वितीय सप्ताह में त्रैमासिक मूल्यांकन कराया जायेगा. माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नवम से दशम के चिह्नित छात्र-छात्राओं के लिए रेमिडियल क्लासेस 15 सितंबर से शुरू किया जायेगा.
कार्यक्रम का उद्देश्य
रेमिडियल शिक्षण पद्धति के माध्यम से शैक्षणिक रूप से पिछड़े छात्र-छात्राओं में सीखने की क्षमता का विकास व उनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है. छात्र-छात्राओं की समस्या जैसे याद करने की क्षमता कम होना, शिक्षा के प्रति कम रुचि, ध्यान नहीं देना, व्यावहारिक समस्या आदि को देखते हुए रेमिडियल शिक्षण की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही उनके करियर निर्माण के लिए परामर्श दिया जायेगा. इससे बच्चों का ड्रॉप आउट कम होगा.
सेवानिवृत्त शिक्षक लेंगे कक्षा
प्रतिदिन नियमित कक्षाओं के बाद चिह्नित छात्रों की एक से डेढ़ घंटे तक विशेष कक्षा ली जायेगी. इसमें हिंदी, अंगरेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान विषय पर विशेष जोर दिया जायेगा. रेमिडियल क्लासेस के लिए विद्यालय के नियमित शिक्षकों के अलावा सेवानिवृत्त शिक्षक या बाहरी शिक्षकों की सहायता ली जायेगी. इस कक्षा के दौरान राज्य स्तर पर तैयार की गयी मॉड्यूल का उपयोग प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षकों के द्वारा हस्त-पुस्तिका के रूप में किया जायेगा तथा बोर्ड परीक्षा से एक माह पूर्व प्री-बोर्ड मूल्यांकन टेस्ट का आयोजन किया जायेगा.