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यहां मुर्दों की दुर्गति और जिंदा लोगों की होती है फजीहत

बदहाली . सदर अस्पताल का पोस्टमार्टम हाउस बदहाल पानी व सफाई की व्यवस्था नहीं, सड़े शवों की बदबू से परेशान रहते हैं आसपास के लोग घनी आबादी के बीच बना है पोस्टमार्टम हाउस देवघर : सदर अस्पताल के पास बना पोस्टमार्टम हाउस मुरदों की दुर्गति और जिंदा लोगों की फजीहत का सामान साबित होे रहा […]

बदहाली . सदर अस्पताल का पोस्टमार्टम हाउस बदहाल

पानी व सफाई की व्यवस्था नहीं, सड़े शवों की बदबू से परेशान रहते हैं आसपास के लोग
घनी आबादी के बीच बना है पोस्टमार्टम हाउस
देवघर : सदर अस्पताल के पास बना पोस्टमार्टम हाउस मुरदों की दुर्गति और जिंदा लोगों की फजीहत का सामान साबित होे रहा है. पिछले साल जून में नये भवन में गए सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम भवन बनाया गया था. लेकिन यहां शवों को सड़ने से बचाने ते लिये न तो फ्रिजर है और न ही ताबूत. किसी कारण से शव का पोस्टमार्टम विलंब से हुआ तो उसके सड़ने की आशंका ज्यादा होती है. सड़ चुके शवों की दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान रहते हैं. इससे संक्रमण फैलने का खतरा भी रहता है. उस पथ से होकर गुजरने वाले राहगीर नाक बंद कर या अपनी सांस रोककर जल्दी उस इलाके से निकल जाना चाहते हैं.
शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बेपरवाह है. विभिन्न थाना क्षेत्रों की पुलिस परिजनों के इंतजार में 72 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस में अज्ञात श‍वों को रखवाती है. पोस्टमार्टम हाउस में पानी तक की व्यवस्स्था नहीं है. ऐसे में यहां सफाई करने में भी मुश्किल होती है. चिकित्सक भी बदबू में ही पोस्टमार्टम करने जाते हैं. वे नाक पर रुमाल रखकर या सुगंध वाली अगरबत्ती जलाकर शव का पोस्टमार्टम करते हैं.
पोस्टमार्टम हाउस में फ्रिजर व ताबूत की व्यवस्था नहीं
हाइकोर्ट के आदेश का नहीं रखा ख्याल
पुराना पोस्टमार्टम हाउस भी घनी आबादी वाले क्षेत्र जलसार रोड में था. उसे हटाने के लिये समाजसेवी अभय सिंह ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. कोर्ट ने पोस्टमार्टम हाउस को घनी आबादी क्षेत्र से अन्यत्र शिफ्ट करने का फैसला दिया गया था. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने हाइकोर्ट के आदेश का ख्याल नहीं रखा. जलसार रोड से पोस्टमार्टम हाउस को हटाकर कुष्ठाश्रम अस्पताल परिसर में शिफ्ट कर दिया गया. यह भी घनी आबादी का ही क्षेत्र है.
कहते हैं लोग
बदबू से काफी परेशानी है. आसपास रहना मुश्किल हो गया है. पोस्टमार्टम हाउस निर्माण के समय मुहल्ले के लोगों ने विरोध जताया था.लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने नहीं सुनी.
– कारू राउत
अगर पोस्टमार्टम हाउस की बदबू पर ध्यान नहीं दिया गया तो पूरे मुहल्ले में बीमारी फैल जायेगी. लोगों को संक्रमण का खतरा है. स्वास्थ्य विभाग को व प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिये.
– घंटू राउत
जबसे पोस्टमार्टम हाउस बना है, तभी से मुहल्ले में दुर्गंध फैल रही है. लोगों को दुर्गंध से निजात दिलाने के लिये पोस्टमार्टम हाउस में सफाई रखी जाये. ताकि बदबू बाहर नहीं निकले.
– संजय कुमार
पोस्टमार्टम हाउस में लाश नहीं सड़े, इस पर स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देना चाहिए. अंदर बिजली-पानी की व्यवस्था दुरुस्त हो. फ्रिजर व मोरचरी की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा करानी चाहिए.
– पंकज कुमार
कहते हैं चिकित्सक
पोस्टमार्टम ड्यूटी करने के पहले शरीर सिहर उठता है. बदबू की वजह से नाक पर रुमाल रखते हैं या पोस्टमार्टम के पूर्व अगरबत्ती जलवाते हैं.
– डॉ दिवाकर पासवान, चिकित्सक, सदर अस्पताल.
कहते हैं सीएस
बड़े-बड़े अस्पतालों में पोस्टमार्टम हाउस अंदर ही रहता है. यहां बिजली-पानी की व्यवस्था के लिये पत्राचार किया गया है. फ्रिजर व मोरचरी की खरीद के लिये विभाग से आवंटन की मांग की गयी है. व्यवस्था हो जाने के बाद समस्या समाप्त हो जायेगी.
– डॉ एससी झा, सिविल सर्जन, देवघर

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