देवघर: देवघर शहर के वार्ड नंबर 13 स्थित बसमता गांव में लाखों रुपये खर्च कर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करवाया गया है. भवन का निर्माण हुए लगभग चार साल बीत गये हैं लेकिन भवन स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर ही नहीं किया गया है. बल्कि स्वास्थ्य विभाग की सूची में यह भवन ही लिस्टेड नहीं है. अब यहां दिलचस्प यह है कि भवन किसका है, किस विभाग का है, किसने बनवाया है, यह भी साफ नहीं है.
मुहल्ले के लोगों की मानें तो गांव वालों को स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा करके उनसे विभाग ने जमीन ली और उस पर यह स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करवा दिया. लेकिन बनने के बाद से न ही इसमें डॉक्टर आये, न नर्स और तो और एक दिन भी इस भवन में स्वास्थ्य केंद्र नहीं चला. इस तरह सरकारी राशि की बरबादी का इससे बेहतर उदाहरण और कोई नहीं हो सकता. लाखों खर्च करके भवन तो बना दिया, ठेकेदार ने ठेका लिया, इंजीनियर और विभाग ने कमीशन. अब यहां स्वास्थ्य केंद्र चले या नहीं चले, इससे भवन बनाने वाले विभाग को कोई सरोकार नहीं है. सरकारी पैसे खर्च कर बनवाये गये इस भवन को लेकर कोई भी विभाग कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
जनता को लोक लुभावने वादे और योजनाओं का हवाला देकर चंद लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाने के नाम पर गरीब की जमीन पर कब्जा जमाकर बैठे हैं. सोचे थे कि थोड़ा जमीन देने से गांव में अस्पताल खुल जायेगा तो लोगों का भला होगा. लेकिन जमीन भी गयी, सुविधा भी लोगों को नहीं मिल रही है. नौकरी देने की बात कही थी, कुछ नहीं मिला.
-सिपाई माईली, जमीन मालिक