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मध्याह्न भोजन में बच्चों को परोस रहे ‘जहर’

बिरयानी में मिलाया जाता है रंग, बच्चों की किडनी व दिल को खतरा इटखोरी : केंद्र सरकार ने ड्रॉपआउट की दर कम करने और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की. इसके दो उद्देश्य थे. बच्चों की शिक्षा और उनकी सेहत में सुधार. लेकिन, यही मध्याह्न भोजन बच्चों […]

बिरयानी में मिलाया जाता है रंग, बच्चों की किडनी व दिल को खतरा
इटखोरी : केंद्र सरकार ने ड्रॉपआउट की दर कम करने और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्कूलों में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की. इसके दो उद्देश्य थे. बच्चों की शिक्षा और उनकी सेहत में सुधार. लेकिन, यही मध्याह्न भोजन बच्चों के लिए कई बार जानलेवा बन गया. कभी भोजन खाकर बच्चे बीमार पड़े, तो कई बार मौत के मुंह में चले गये. इटखोरी के परसौनी राजकीय मध्य विद्यालय में बच्चों को बिरयानी के नाम पर ‘जहर’ परोसा जा रहा है.
मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर जब भी सवाल उठते हैं, स्कूल बजट का रोना रोता है. कहता है कि महंगाई बढ़ जाने के बावजूद बजट नहीं बढ़ा. बच्चों को हर हाल में खाना देना है, सो गुणवत्ता से समझौता करना पड़ता है. लेकिन, इटखोरी के स्कूल में गुणवत्ता से नहीं, बच्चों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. यहां बिरयानी को चटख रंग देने के लिए इसमें रंग मिलाया जाता है. रसोइया कहती है कि जब भी बिरयानी बनता है, उसमें रंग डाला जाता है. मास्टर साहब के कहने पर रंग मिलाया जाता है.
भोजन में रंग बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. डॉक्टर बताते हैं कि भोजन में रंग डालने से बच्चों की किडनी खराब हो सकती है. दिल का रोग हो सकता है. यहां तक कि बच्चे को कैंसर भी हो सकता है.

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