कान्हाचट्टी : प्रखंड मुख्यालय से 25 किमी दूरी पर बसा है अमकुदर गांव. यहां की आबादी लगभग एक हजार है. यहां के लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं. वहीं उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र बता कर जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी उक्त गांव का दौरा नहीं करते हैं. इस कारण ग्रामीण खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.
गांव के लोग सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, पानी व शिक्षा की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां के लोगों का मुख्य पेशा खेती है. यहां के ग्रामीण लगभग 12 किमी पैदल चल कर बिहार के बाराचट्टी व गया बाजार करने जाते हैं. वहीं गांव में खुला अभियान विद्यालय हमेशा बंद रहता है. अस्पताल नहीं रहने से ग्रामीण झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराने को मजबूर हैं.
मुखिया ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं : मुखिया मालती देवी पिछले दिनों गांव की समस्या से अवगत हुई़ मुखिया गांव में मनरेगा के तहत सड़क बनाने व रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर प्रयास कर रही है.