चतरा. जब-जब केंदू पता का मौसम आता है. क्षेत्र में सभी नक्सली संगठन सक्रिय हो जाते है़ं जिससे खूनी संघर्ष की आशंका बढ़ जाती है़ हर वर्ष केंदू पता ठेकेदारों से नक्सली मोटी रकम वसूलते है़ जो ठेकेदार लेवी नहीं देता है.
उसके खलिहानों को आग के हवाले कर दिया जाता है़ पत्ते की खरीदारी के पूर्व ठेकेदार नक्सलियों से पत्ते खरीदने की अनुमति लेते है़ पत्तों की कीमत नक्सली ही तय करते है़ जिले के करीब दो लाख लोग केंदू पता बेच कर अपनी जीविका चलाते है़ जिले में भाकपा माओवादी, टीएसपीसी, जेपीसी, पीएलएफआइ जैसे नक्सली संगठन सक्रिय है़ उक्त संगठनों में लावालौंग, कुंदा, प्रतापपुर, हंटरगंज, कान्हाचट्टी, सिमरिया, पत्थलगड्डा में टकराव की आशंका बनी रहती है़