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महुआ के पेड़ में अभी तक फल नहीं लगने से ग्रामीण परेशान
चतरा : बदलते मौसम का प्रतिकूल असर महुआ पर पड़ता देख ग्रामीण क्षेत्र के लोग चिंतित हैं. गरमी शुरू होते ही महुआ गिरना शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार बीच-बीच में हुई बारिश के कारण अभी तक फल नहीं निकला है. महुआ के पेड़ में हरे-हरे पत्ते देख महुआ पर आश्रित रहने वाले लोग […]
चतरा : बदलते मौसम का प्रतिकूल असर महुआ पर पड़ता देख ग्रामीण क्षेत्र के लोग चिंतित हैं. गरमी शुरू होते ही महुआ गिरना शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार बीच-बीच में हुई बारिश के कारण अभी तक फल नहीं निकला है. महुआ के पेड़ में हरे-हरे पत्ते देख महुआ पर आश्रित रहने वाले लोग परेशान हैं
ज्ञात हो कि जिले के करीब 80 प्रतिशत लोग महुआ चुन कर व बेच कर चार-पांच माह का राशन जुटाते हैं. इसी पैसे से बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ आवश्यक काम भी निबटाते हैं. जिले में 80 हजार से अधिक महुआ के पेड़ है़ं हर वर्ष दो लाख से अधिक लोग महुआ की खरीद-बिक्री करते है़ं सबसे अधिक लावालौंग प्रखंड के लोग महुआ पर आश्रित है़ं इसके अलावा सिमरिया, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, इटखोरी, कुंदा, प्रतापपुर, मयूरहंड, टंडवा व हंटरगंज प्रखंड के लोग भी महुआ चुन कर उसे बाजार में बेचते हैं. इन दिनों बाजार में 30 रुपये किलो महुआ बिक रहा है.
क्या कहते हैं ग्रामीण : लावालौंग की सरोज देवी ने बताया कि पिछले साल महुआ बेच कर 15 हजार रुपये की कमाई की थी. इस पैसे से चार माह के राशन की खरीदारी की. इस बार पेड़ में अभी तक फल नहीं लगा है. दिनेश गंझू ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर लोग महुआ पर ही आश्रित हैं.
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