सिमरिया : निगरानी स्वास्थ्य समिति की बैठक सोमवार को रेफरल अस्पताल में हुई़ इसकी अध्यक्षता सांसद इंदर सिंह नामधारी ने की. बैठक में पूर्व सीएस पर एफआइआर कराने में किरानी प्रेम साहू द्वारा मामले को बरगलाने के आरोप में उसे निलंबित किया गया.
साथ ही वर्तमान सीएस डॉ विनोद उरांव को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा गया. सांसद श्री नामधारी ने बताया कि वर्ष 2011-12 में पूर्व सीएस डॉ अमरनाथ प्रसाद द्वारा उपकरण की खरीदारी में सवा करोड़ की गड़बड़ी के आरोप में दोषी पाया गया. उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दो माह पूर्व दिया गया था. लेकिन सीएस उरांव द्वारा आज तक एफआइआर नहीं की गयी.
सांसद ने सीएस उरांव की संलिप्तता बतायी. इसके अलावा लावालौंग के डॉक्टर मनोज भगत का एक दिन की हाजिरी काटी गयी. बैठक में रेफरल अस्पताल के प्रभारी पीके पांडेय व चिकित्सक पुष्कर के बीच चला आ रहा विवाद को सलटाया गया. दोनों को अस्पताल को सुचारू रूप से चलाने का निर्देश दिया गया.
इसके अलावा पत्थलगड्डा व गिद्धौर में बाजार के दिन प्रतिनियुक्त चिकित्सकों को नहीं जाने पर स्पष्टीकरण मांगे जाने का निर्णय लिया गया. प्रभारी पांडेय द्वारा जबड़ा के एएनएम श्यामा कुमारी पर लगाये गये आरोप सीएस की जांच में गलत पाया गया.
बैठक में प्रभारी पांडेय पर लगातार 15 दिनों तक निगरानी रखने की जिम्मेवारी जिप उपाध्यक्ष को दी गयी. रेफरल अस्पताल में महिला चिकित्सक व जबड़ा पीएचसी में पदस्थापित चिकित्सक का प्रतिनियोजन रद्द करने के लिए सरकार को पत्र लिखे जाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया.
बैठक में कौन–कौन शामिल हुए
बैठक में उपायुक्त हंसराज सिंह, एसी राम लखन प्रसाद गुप्ता, जिप अध्यक्ष ममता देवी, उपाध्यक्ष देवनंदन साहु, प्रमुख रोहनी देवी, विधायक प्रतिनिधि चंद्रदेव गोप, नागेश्वर शर्मा, बीडीओ कृति बाला लकड़ा, लावालौंग के बीडीओ दिनेश सुरीन समेत कई चिकित्सक उपस्थित थ़े.