– अभिमन्यु –
चतरा : दुकानों में उपयोग किये जाने वाले बटखरा, इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन व कांटा की जांच नहीं की जा रही है. इससे दुकानदारों की चांदी है. जांच नहीं होने से आम लोगों को सही वजन से कम सामान मिल रहा है. जिसके कारण जिलेवासियों को काफी नुकसान हो रहा है.
इसके अलावे कपड़ा मापने वाले मीटर, तेल मापने वाला तेल मापक लीटर की भी नियमित जांच नहीं होती है. माप–तौल पदाधिकारी इस ओर कोई विशेष रुची नहीं दिखाते हैं. सूत्रों के अनुसार जिले में स्थापित कई पेट्रोल पंप व बड़े–बडे प्रतिष्ठानों से बंधी–बंधायी रकम उन्हें मिलती है. यही वजह है कि पदाधिकारी जांच कार्य करने नहीं आते हैं.
क्या है नियम
दुकानदारों द्वारा उपयोग किये जा रहे बटखरे व इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन की जांच साल में एक बार करना आवश्यक है. जांच के बाद बटखरे के पीछे व मशीन में माप–तौल विभाग का मुहर लगाना जरूरी है. ताकि दुकानदार बटखरे व वजन मशीन के साथ छेड़छाड़ न कर सकें. जिले में एक भी बटखरा में विभाग का मुहर नहीं लगा है.
राजस्व का हो रहा नुकसान
जिले में लगभग दस हजार छोटे–बड़े दुकान हैं. जिसमें से मात्र तीन हजार दुकान मालिकों को ही लाइसेंस मिला है. अन्य दुकानों को लाइसेंस नहीं रहने के कारण सरकार को लाखों रुपये प्रतिमाह राजस्व का नुकसान हो रहा है. कई दुकानदारों द्वारा बटखरे में छेड़छाड़ कर वजन कम कर दिया गया है.
नियमित नहीं खुलता कार्यालय
चतरा शहर के जतराहीबाग स्थित माप–तौल का बहुत पुराना कार्यालय है. कार्यालय नियमित रूप से नहीं खुलता है. माप–तौल पदाधिकारी महीना दो महीना में एक बार चतरा आते हैं. बंधी–बंधायी रकम वसूल कर चलते बनते हैं.
आम लोगों को नुकसान का उन्हें कोई परवाह नहीं. कार्यालय की स्थिति काफी जजर्र है. चतरा के एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा कभी–कभार कार्यालय खोला जाता है. माप–तौल पदाधिकारी चतरा के अलावे हजारीबाग व कोडरमा जिला के प्रभार में है.