रंजीत कुमार, बोकारो.
बोकारो जिले में मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंड गोमिया, कसमार, बेरमो, पेटरवार व नावाडीह हैं. यहां के गांवों में सालों भर मलेरिया का प्रकोप रहता है. क्षेत्रों में बुखार से मरने की खबर भी आती है, लेकिन विभाग के आंकड़ों में पिछले चार-पांच वर्ष में एक भी मरीज की मलेरिया से मौत नहीं हुई. स्वास्थ्य विभाग मलेरिया से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार भी है. सालोभर मलेरिया से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार का दौर चलता रहता है. एमपीडब्ल्यू सहिया व स्वास्थ्यकर्मियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग आमलोगों को जागरूक करने की भरपूर कोशिश में जुटा है. एमपीडब्ल्यू, सहिया व स्वास्थ्यकर्मी कर रहे हैं जागरूक : डॉ दिनेशसिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार ने कहा : बोकारो में मलेरिया के मरीज लगातार घटते जा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार बचाव व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. समय पर रसायन का छिड़काव, दवा का वितरण व टीम के अलर्ट रहने के कारण अब मलेरिया से पीड़ित मरीज नहीं के बराबर मिलते हैं. मलेरिया के रोकथाम के लिए एमपीडब्लू व सहिया का सहारा लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मच्छर पनपने वाले जगहों पर डीडीटी, सेंथेटिक पाइथाराइड, लार्वानाशक डेमोथोस का छिड़काव किया जाता है. लगातार फॉगिंग अभियान चलता है. इसके साथ ही सभी प्रखंड के एमओ आइसी लगातार निगरानी करते हैंमलेरिया के लक्षणों को समझें :
इएसआइसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह आइएमए चास के पूर्व अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार सिंह ने कहा : मलेरिया के लक्षणों में तेज फीवर आना, ठंड लगना, तेज सर दर्द, पूरे शरीर में दर्द, उल्टियां आना, कमजोरी महसूस करना, भूख ना लगना, खून की कमी हो जाना, ब्लड में प्लेट्लेट्स का बहुत कम हो जाना, बॉडी पे लाल रंग के निशान पड़ना शामिल है. इस तरह के लक्षण मिलने पर तुरंत सावधान हो जाना चाहिए. चिकित्सक से अविलंब संपर्क करें. इलाज में देरी नहीं करें.मलेरिया से बचाव के मच्छरदानी का करें उपयोग :
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अरविंद ने कहा : मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी लगाकर सोयें. आसपास सफाई रहनी चाहिए. आमतौर पर मलेरिया का मच्छर शाम को ही काटता है. घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा का छिड़काव करायें. घर के दरवाजा व खिड़कियों पर जाली लगाएं. एयरकूलर या पंखों का इस्तेमाल करें. पूरे शरीर को ढंकनेवाले कपड़े पहनें. जमे हुए पानी स्थल पर मच्छर पनपने का खतरा होता है. इस खतरे से बचने के लिए हर संभव स्वास्थ्य सहायता लेना चाहिए.घर में किसी भी हाल में नहीं जमा होने दे पानी :
चास अनुमंडल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ रवि शेखर ने कहा : कूलर का पानी बदलते रहें. घर के आसपास गड्ढे में पानी जमा नहीं होने दें. किचन में सभी बर्तनों को खाली करके उल्टा करके रखें. बाल्टी हो या ड्रम घर में किसी भी चीज में पानी जमा ना होने दें. घर में कीटनाशक का छिड़काव करें. किसी जगह गंदगी ना जमा होने दें. बर्तन इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह धो लें, ताकि अगर मच्छर के अंडे मौजूद हों तो वो साफ हो जायें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है