कसमार में जन सुनवाई में हुआ खुलासा, मनरेगा के कूप निर्माण में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी
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पूर्व बीडीओ व बीपीओ पर होगी एफआइआर : प्रधान सचिव
कसमार में जन सुनवाई में हुआ खुलासा, मनरेगा के कूप निर्माण में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी पूर्व बीडीओ व बीपीओ से वसूली जायेगी राशि कसमार : मनरेगा कूपों के सामाजिक अंकेक्षण को लेकर शनिवार को कसमार प्रखंड मुख्यालय के निकट गांधी मैदान में जन सुनवाई कार्यक्रम हुआ. इसमें वित्तीय वर्ष 2015-16, 16-17 व 17-18 के […]
पूर्व बीडीओ व बीपीओ से वसूली जायेगी राशि
कसमार : मनरेगा कूपों के सामाजिक अंकेक्षण को लेकर शनिवार को कसमार प्रखंड मुख्यालय के निकट गांधी मैदान में जन सुनवाई कार्यक्रम हुआ. इसमें वित्तीय वर्ष 2015-16, 16-17 व 17-18 के कूप निर्माण में गड़बड़ी का ऐसा खुलासा हुआ कि मनरेगा के प्रधान सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, सुप्रीम कोर्ट के राज्य सलाहकार बलराम व सोशल ऑडिट यूनिट झारखंड के राज्य समन्वयक गुरजीत सिंह हैरान रह गये.
प्रधान सचिव ने जन सुनवाई में आयी शिकायतों व पूरे मामले को जानने के बाद कसमार प्रखंड में मनरेगा की योजनाओं में करोड़ों की गड़बड़ी की बात कहते हुए पूर्व बीडीओ संतोष कुमार व पूर्व बीपीओ प्रमोद ठाकुर पर एफआइआर दर्ज करने तथा गड़बड़ी की राशि दोनों अधिकारियों से वसूलने का आदेश दिया़
पूर्व बीडीओ व बीपीओ…
गड़बड़ियों में संलिप्त रोजगार सेवकों पर प्रति कूप एक हजार रुपए का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया़ इसकी राशि लगभग छह लाख 86 हजार रुपये होगी़ सोशल ऑडिट व जन सुनवाई के दौरान सामने आया कि वर्ष 2015-16 व 16-17 में मनरेगा के कूप निर्माण में पूर्व बीडीओ व पूर्व बीपीओ ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है़
प्रधान सचिव ने कहा : अगर किसी योजना में बिना मस्टर रोल का काम हुआ है और उसमें मजदूरों का मजदूरी भुगतान बाकी है, तो उसका पैसा संबंधित रोजगार सेवकों से वसूला जायेगा़ किसी भी हाल में बैक डेट से मस्टर रोल नहीं भरा जायेगा. मनरेगा आयुक्त ने कहा कि मनरेगा कानून के तहत अगर किसी गलत जगह या गलत व्यक्ति के नाम पर योजना स्वीकृत या काम हुआ है ताे उस योजना को रद्द किया जायेगा़ साथ ही, इस मामले में दोषी मनरेगाकर्मियों को शो-कॉज किया जायेगा.
भेंडरों को ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश : जन सुनवाई में यह बात भी सामने आयी कि भेंडर सामग्री की आपूर्ति नहीं करते हैं. भेंडरों के पास न भट्ठा है न दुकान न अन्य कुछ़ फिर भी भेंडर बनकर केवल बिल-भाउचर उपलब्ध कराते हैं. लाभुकों को दूसरी जगहों से सामग्री लेनी पड़ती है़ प्रधान सचिव ने इसे गंभीरता लेते हुए शिवनंदन महतो समेत अन्य सभी भेंडरों को ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दिया़
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