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मेमोरी पावर पर भारी पड़ रहा है स्मार्ट फोन
स्मार्ट फोन का उपयोग तीन तरह से किया जाता है. पहला कम्यूनिकेशन, दूसरा इंफाॅर्मेशन व तीसरा इंटरटेनमेंट. आज के बहुत कम युवा स्मार्ट फोन का उपयोग कम्यूनिकेशन व इंफाॅर्मेशन के लिए करते है. ज्यादा साइट इंटरटेनमेंट के लिए सर्च किये जाते हैं, जो युवा वर्ग के लिए घातक है. छात्र जीवन में स्मार्ट फोन का […]
स्मार्ट फोन का उपयोग तीन तरह से किया जाता है. पहला कम्यूनिकेशन, दूसरा इंफाॅर्मेशन व तीसरा इंटरटेनमेंट. आज के बहुत कम युवा स्मार्ट फोन का उपयोग कम्यूनिकेशन व इंफाॅर्मेशन के लिए करते है. ज्यादा साइट इंटरटेनमेंट के लिए सर्च किये जाते हैं, जो युवा वर्ग के लिए घातक है.
छात्र जीवन में स्मार्ट फोन का उपयोग नहीं के बराबर करना चाहिए. जरूरी होने पर अभिभावकों की देखरेख में उपयोग करने में कोई खराबी नहीं है. आज ट्रिपल ‘एम’ (मोबाइल, मोटरसाइकिल व मनी) विद्यार्थियों के बिगड़ने की वजह बन रही है. यह बातें सेक्टर छह स्थित क्रिसेंट पब्लिक स्कूल बोकारो के प्राचार्य अनिल कुमार गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि कही. श्री गुप्ता गुरुवार को स्कूल प्रांगण में आयोजित ‘स्मार्ट फोन एंड स्टूडेंट्स : मेरिट एंड डिमेरिट’ विषयक ‘प्रभात खबर संवाद’ में बोल रहे थे.
उपयोग व दुरुपयोग के बारे में दी गयी जानकारी : परिचर्चा में शामिल 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों ने अपने-अपने तरीके से स्मार्ट फोन के उपयोग व दुरुपयोग के बारे में बताया. प्रिया रंजन ने कहा : स्मार्ट फोन उपयोगी है. पढ़ाई के लिए हम बेहतर तरीके से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
इंटरनेट की सभी जरूरतों को पूरा करता है. स्मार्ट फोन का देर रात तक उपयोग नहीं करनी चाहिए. इससे तनाव बढ़ता है. प्रिया ने कहा : स्मार्टफोन विद्यार्थियों के लिए वरदान है. इसका अर्थ यह है कि हम इसका सही उपयोग करें. थोड़ा सा मिसयूज यह हमें बरबादी की ओर ले जाता है. सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए. रजनी कुमारी ने कहा : स्मार्ट फोन का उपयोग हमें सोच समझ कर ही करना चाहिए. इसका प्रयोग एक लिमिट तक हो. रात में अधिक देर तक उपयोग करने से परेशानी पैदा होगी. स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ेगा. मानसी कुमारी ने कहा : स्मार्टफोन फायदेमंद है. जब देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है, तो हमें भी आधुनिक होना चाहिए. लेकिन स्मार्टफोन का दुरुपयोग हमारे भविष्य को बरबादी की ओर ले जाता है. अंकुश राज ने कहा : स्मार्टफोन के जरिये हमें हर विषय की तलाश गुगल पर कर लेते हैं. इंटरनेट का पूरा-पूरा इस्तेमाल किया जा सकता है.
लेकिन जब इसी स्मार्टफोन का देर रात तक अनर्गल फेसबुक, वाट्सएप चलाते हैं, तो इसका प्रतिकूल असर जीवन पर पड़ता है. अवनीत कुमार पांडेय ने कहा : स्मार्टफोन के जरिये हम एक मिनट में पूरी दुनिया की खबर जान लेते हैं. किसी भी विषय पर तुरंत ही जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. लेकिन इस खराब प्रभाव स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. हमारी मेमोरी लिमिट होने लगती है. राहुल कुमार ने कहा : स्मार्टफोन हमारे विकसित होने का प्रमाण है. इसके बगैर आगे बढ़ पाना भी मुश्किल है. लेकिन छात्रों के लिए यह काम के समय ही जरूरी है. विद्यार्थियों को हर समय उपयोग नहीं करना चाहिए. अनुतोष कुमार ने कहा : स्मार्टफोन के जरिये हम नये-नये एप्स के जरिये विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल कर सकते हैं. कोई भी टॉपिक हमारे लिए सरलता से उपलब्ध हो जाता है. अभिभावक की निगरानी में उपयोग से इसके दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है.
आकाश कुमार ने कहा : स्मार्ट फोन के अधिक उपयोग से हमारी मेमोरी पावर घट रही है. कुछ भी याद नहीं रहता है. हर चीज के लिए स्मार्ट फोन पर निर्भर रहना पड़ता है. देर रात तक वाट्सअप, फेसबुक का उपयोग किया जाता है, जो सेहत के साथ-साथ भविष्य से भी खिलवाड़ है. सम्मी कुमार ने कहा : लिमिट समय के लिए स्मार्टफोन का उपयोग बेहतर होता है. जब यह उपयोग धीरे-धीरे लत का रूप ले लेता है, जो एक घातक मानसिक बीमारी में परिवर्तित हो जाती है. शुभम डे ने कहा : स्मार्टफोन से हम आसपास की घटनाओं से अपडेट रहते हैं. विकास की सभी संभावनाओं के लिए स्मार्ट फोन बेहतर विकल्प है. स्मार्टफोन पर गेम खेलना, देर रात के चैट करना दुरुपयोग की श्रेणी में आता है. मौके पर पंकज कुमार झा, राहुल केशरी, नीरज कुमार, अंकिता दुबे, अर्चना, स्वाती, अंजय कुमार, इंद्रजीत कुमार सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं व 10वीं – 12 वीं के दर्जनों छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
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