आजादी के 70 वर्ष बाद भी हमें अपना अधिकार व हक नहीं मिला. हमारा धर्म व संस्कृति ऐसी है, जो प्रकृति व मनुष्य के बीच संतुलन बनाये रखता है. आज तक सरना धर्म को कोड नहीं मिलना दु:ख की बात है. समाज के युवा पीढ़ी को आगे आने की जरूरत है. समाज के लोगों को जागरूक करें. एकजुटता से ही समाज में बदलाव आयेगा.
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सरना धर्म को कोड नहीं मिलना दु:ख की बात : अर्जुन मुंडा
बोकारो: सेक्टर 12 सी स्थित सरना स्थल पर बोकारो जिला सरना समाज की ओर से मिलन समारोह का आयोजन शुक्रवार को किया गया. समारोह का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मांदर बजा कर किया. कहा : जिले के सभी सरना धर्मावलंबियों को एक सूत्र में बंध कर रहना चाहिए. भाषा, संस्कृति व संस्कार को […]
बोकारो: सेक्टर 12 सी स्थित सरना स्थल पर बोकारो जिला सरना समाज की ओर से मिलन समारोह का आयोजन शुक्रवार को किया गया. समारोह का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मांदर बजा कर किया. कहा : जिले के सभी सरना धर्मावलंबियों को एक सूत्र में बंध कर रहना चाहिए. भाषा, संस्कृति व संस्कार को बचाने का काम करें. सरना धर्म में आस्था रखने वाले आदिवासी जनजाति भारत के प्रथम मूलवासी हैं. सरना धर्मालंबियों को आज सोचने की जरूरत है. समझने व मंथन करने का वक्त है.
जिप उपाध्यक्ष हीरालाल मांझी ने कहा : हमारी भाषा व संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. इसे बचाने की जरूरत है. शिक्षा को बढ़ावा देने की जरूरत है. ताकि हम आगे निरंतर बढ़ते रहे. भारत मुंडा समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सागर मुंडा, सचिव विजेंद्र हेमरोम, उपाध्यक्ष रूपलक्ष्मी मुंडा, नूतन पहान, सोमा मुंडा, महेंद्र मुंडा, सुभाष मुंडा, योगो पूर्ति, राजीव कुमार मुंडा ने भी संबोधित किया. मौके पर संजू सामंथा, जितुआ मुंडा, महेश मुंडा, गोरांग पातर, गुरुचरण मुंडा, एतवा उरांव, बी भगत, बलदेव उरांव आदि मौजूद थे.
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